बालोतरा। फिर से यातायात महकमा बिन प्रभारी
बालोतरा। शहर के बेलगाम यातायात से राहगीर व वाहन चालक परेशान हैं। लम्बे समय से बिगड़े हालात में सुधार को लेकर कुछ माह पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक ने यातायात प्रभारी नियुक्त किया, लेकिन उनका फिर से तबादला होने के बाद अब व्यवस्था सुधार को लेकर यातायात पुलिस की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।ऐसे में हरदम जाम की समस्या बनी रहती है।
इसके अलावा नो-पार्किंग जोन, सड़क किनारे संचालित अस्थायी बस स्टैण्ड, डिवाइडर के इर्द-गिर्द बेतरतीब खड़े वाहन व्यवस्था में बाधक बन रहे हैं। इसे लेकर कई बार उपखंड व नगर परिषद प्रशासन की बैठकों में निर्णय लिए गए, लेकिन धरातल पर काम नहीं होने से समस्या बदस्तूर बनी हुई है। इससे हर रोज हजारों राहगीर व वाहन चालक परेशानी उठा रहे हैं।
रति भर भी नहीं हो रहा सुधार
एक लाख की आबादी वाले शहर में लडख़ड़ाई यातायात व्यवस्था से हर कोई परेशान है। पचपदरा रोड, छतरियों का मार्ग, पुराना बस स्टैण्ड, द्वितीय रेलवे क्रॉसिंग, मुख्य बाजार, समदड़ी रोड शहर को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग हैं। यहां कामकाज के लिए पहुंचने वाले लोग सड़क पर जहां जगह देखी वहां वाहन खड़ा कर चल देते हैं।
मुख्य बाजार व पुराना बस स्टैण्ड मार्ग पर भी यही हालात होने से जाम की समस्या बनी रहती है। वर्षों से लडख़ड़ाई इस व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रशासन व पुलिस भले ही लाख दावे करें, लेकिन आज तक रति भर भी सुधार नहीं हुआ है।
यातायात प्रभारी का पद रहता है खाली
इसे भले ही संयोग कहें या पुलिस महकमे की लापरवाही, शहर में यातायात प्रभारी का पद अधिकांश रिक्त ही रहता है। इसके बाद हैडकांस्टेबल के जिम्मे पूरे शहर की यातायात व्यवस्था रहती है। माकूल जाप्ते के अभाव में नियुक्त यातायातकर्मी चाहकर भी व्यवस्था में सुधार नहीं कर पाते हैं।
प्रशासन का नहीं मिल रहा सहयोग
बिगड़ी व्यवस्था में अवैध बस स्टैण्ड व नो-पार्किंग जोन में खड़े रहने वाले वाहन दुविधा का कारण बने हुए हैं। इनसे प्रभावित होने वाली यातायात व्यवस्था में सुधार को लेकर कई बार उपखंडस्तर पर बैठकें हुई।
परिवहन विभाग, पुलिस व नगर परिषद अधिकारियों की मौजूदगी में व्यवस्था सुधार को लेकर कई निर्णय भी लिए गए, लेकिन अफसोस इन निर्णयों पर अमल करने की जरूरत अधिकारियों ने आज दिन तक नहीं समझी।
ऐसे में कार्रवाई के दौरान वाहनों को अन्यत्र खड़ा करवाने, पार्किंग के लिए व्यवस्था का अभाव जैसी समस्याओं का स्थाई निराकरण नहीं होने से यातायातकर्मियों के सामने भी दिक्कतें पैदा हो गई है कि आखिर इन वाहनों को खड़ा कहां करवाया जाए। ऐसे में प्रशासन के सहयोग के बिना यातायात व्यवस्था में सुधार कतई संभव नहीं है।
पार्किंग स्थल की जरूरत
मुख्य बाजार सहित सरकारी दफ्तरों के आगे एक भी पार्किंग स्थल नहीं है। ऐसे में चालकों के लिए वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा करना मजबूरी बना हुआ है। छतरियों का मोर्चा मार्ग पर डाक बंगला, उपखंड कार्यालय, पुलिस थाना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, उप जिला कारागृह, जिला एवं सेशन न्यायालय आदि महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय स्थित है।
यहां हर रोज बड़ी संख्या में कामकाज को लेकर फरियादी पहुंचते हैं। पार्किंग के अभाव में लोग मुख्य मार्ग के किनारे ही वाहनों को छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे में हरदम जाम की समस्या बनी रहती है। रेलवे बेरियर बंद होने पर कई बार जाम इस कदर उलझ जाता है कि यातायातकर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद आधा-आधा घंटे तक यातायात सुचारू नहीं हो पाता।
नई नियुक्ति के करेंगे प्रयास
शहर यातायात प्रभारी का तबादला होने के बाद पद रिक्त है। इस पद पर नई नियुक्ति को लेकर प्रयास किए जाएंगे। वहीं तैनात कार्मिकों को यातायात व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए जाएंगे।
कैलाशदान रतनू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बालोतरा
बालोतरा। शहर के बेलगाम यातायात से राहगीर व वाहन चालक परेशान हैं। लम्बे समय से बिगड़े हालात में सुधार को लेकर कुछ माह पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक ने यातायात प्रभारी नियुक्त किया, लेकिन उनका फिर से तबादला होने के बाद अब व्यवस्था सुधार को लेकर यातायात पुलिस की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।ऐसे में हरदम जाम की समस्या बनी रहती है।
इसके अलावा नो-पार्किंग जोन, सड़क किनारे संचालित अस्थायी बस स्टैण्ड, डिवाइडर के इर्द-गिर्द बेतरतीब खड़े वाहन व्यवस्था में बाधक बन रहे हैं। इसे लेकर कई बार उपखंड व नगर परिषद प्रशासन की बैठकों में निर्णय लिए गए, लेकिन धरातल पर काम नहीं होने से समस्या बदस्तूर बनी हुई है। इससे हर रोज हजारों राहगीर व वाहन चालक परेशानी उठा रहे हैं।
रति भर भी नहीं हो रहा सुधार
एक लाख की आबादी वाले शहर में लडख़ड़ाई यातायात व्यवस्था से हर कोई परेशान है। पचपदरा रोड, छतरियों का मार्ग, पुराना बस स्टैण्ड, द्वितीय रेलवे क्रॉसिंग, मुख्य बाजार, समदड़ी रोड शहर को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग हैं। यहां कामकाज के लिए पहुंचने वाले लोग सड़क पर जहां जगह देखी वहां वाहन खड़ा कर चल देते हैं।
मुख्य बाजार व पुराना बस स्टैण्ड मार्ग पर भी यही हालात होने से जाम की समस्या बनी रहती है। वर्षों से लडख़ड़ाई इस व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रशासन व पुलिस भले ही लाख दावे करें, लेकिन आज तक रति भर भी सुधार नहीं हुआ है।
यातायात प्रभारी का पद रहता है खाली
इसे भले ही संयोग कहें या पुलिस महकमे की लापरवाही, शहर में यातायात प्रभारी का पद अधिकांश रिक्त ही रहता है। इसके बाद हैडकांस्टेबल के जिम्मे पूरे शहर की यातायात व्यवस्था रहती है। माकूल जाप्ते के अभाव में नियुक्त यातायातकर्मी चाहकर भी व्यवस्था में सुधार नहीं कर पाते हैं।
प्रशासन का नहीं मिल रहा सहयोग
बिगड़ी व्यवस्था में अवैध बस स्टैण्ड व नो-पार्किंग जोन में खड़े रहने वाले वाहन दुविधा का कारण बने हुए हैं। इनसे प्रभावित होने वाली यातायात व्यवस्था में सुधार को लेकर कई बार उपखंडस्तर पर बैठकें हुई।
परिवहन विभाग, पुलिस व नगर परिषद अधिकारियों की मौजूदगी में व्यवस्था सुधार को लेकर कई निर्णय भी लिए गए, लेकिन अफसोस इन निर्णयों पर अमल करने की जरूरत अधिकारियों ने आज दिन तक नहीं समझी।
ऐसे में कार्रवाई के दौरान वाहनों को अन्यत्र खड़ा करवाने, पार्किंग के लिए व्यवस्था का अभाव जैसी समस्याओं का स्थाई निराकरण नहीं होने से यातायातकर्मियों के सामने भी दिक्कतें पैदा हो गई है कि आखिर इन वाहनों को खड़ा कहां करवाया जाए। ऐसे में प्रशासन के सहयोग के बिना यातायात व्यवस्था में सुधार कतई संभव नहीं है।
पार्किंग स्थल की जरूरत
मुख्य बाजार सहित सरकारी दफ्तरों के आगे एक भी पार्किंग स्थल नहीं है। ऐसे में चालकों के लिए वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा करना मजबूरी बना हुआ है। छतरियों का मोर्चा मार्ग पर डाक बंगला, उपखंड कार्यालय, पुलिस थाना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, उप जिला कारागृह, जिला एवं सेशन न्यायालय आदि महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय स्थित है।
यहां हर रोज बड़ी संख्या में कामकाज को लेकर फरियादी पहुंचते हैं। पार्किंग के अभाव में लोग मुख्य मार्ग के किनारे ही वाहनों को छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे में हरदम जाम की समस्या बनी रहती है। रेलवे बेरियर बंद होने पर कई बार जाम इस कदर उलझ जाता है कि यातायातकर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद आधा-आधा घंटे तक यातायात सुचारू नहीं हो पाता।
नई नियुक्ति के करेंगे प्रयास
शहर यातायात प्रभारी का तबादला होने के बाद पद रिक्त है। इस पद पर नई नियुक्ति को लेकर प्रयास किए जाएंगे। वहीं तैनात कार्मिकों को यातायात व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए जाएंगे।
कैलाशदान रतनू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बालोतरा
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