गुरुवार, 9 जून 2016

संकट में सरहदी लोग आधी टूटी जी एल आर से सुरक्षा बल सहित ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति ,कभी भी हो सकता हे हादसा


संकट में सरहदी लोग

आधी टूटी जी एल आर से सुरक्षा बल सहित ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति ,कभी भी हो सकता हे हादसा

पश्चिमी सीमा क्षेत्र से चंदन सिंह भाटी
पश्चिमी राजस्थान के भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसे सबसे दुर्गम गाँवो के लोग आज भी आदिवासी जीवन जीने को मजबूर हैं ,विकास के बड़े बड़े बड़े दावे यहाँ खोखले नजर आते हैं ,पानी की समुचित व्यवस्था नहीं ,सड़क मार्ग पिछले एक माह हे रेत के टिब्बे आने से अवरुद्ध हैं ,गाँवो के स्वास्थ्य केंद्रों पर परिचारिकाएँ नहीं ,स्कूल में अध्यापक नहीं ,नरेगा सहित अन्य सरकारी योजनाओं में सेकड़ो काम कागज़ों में स्वीकृत मौके पे एक भी काम नज़र नहीं ,ये मुलभुत सुविधाएं भी सरहदी लोगो को नसीब नहीं ,इसी बीच रोहिडी ग्राम पंचायत के राजस्व गांव पदमडा में मुख्य सड़क पर जलदाय विभाग के पेयजल योजना के लिए जी एल आर बनी हैं ,यह जी एल आर कोई कितने दशक पूर्व बनी यह यहाँ कार्यरत जलदाय विभाग के कर्मचारी को भी पता नहीं ,इस जी एल आर से इस सरहद पर सीमा सुरक्षा बल की स्थापित एक दर्जन से अधिक सीमा चौकियों के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए पानी के टेंकर भरे जाते थे ,कुछ माह पूर्व इस जी एल आर का आगे का हिस्सा टूट के गिर गया ,पिछले हिस्सा पूरा हैं ,इस क्षतिग्रस्त जी एल आर के टूटने से पूरा गांव ख़ौफ़ज़दा हैं ,कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता हैं ,पेयजल आपूर्ति इस क्षतिग्रस्त होज में होने के कारण अक्सर यह होज ओवरफ्लो हो जाता हैं ,मगर ग्रामीण हादसे की आसंका के चले पानी भरने नहीं आते ,तो पदमडा सुंदरा रोहिडी सड़क मार्ग रेत के कारण पिछले एक माह से बाधित होने के कारण सीमा सुरक्षा बल के टेंकर भी यहाँ नहीं पहुँच पा रहे ,सीमा सुरक्षा बल के टेंकर जैसलमेर जिले के म्याजलार हाईडेंट पॉइंट से पानी भर के लाते हैं ,


जी एल आर पर कार्यरत जलदायकर्मी मोहम्मद ने बताया की होदी के क्षतिग्रस्त होने की सूचना कई मर्तबा उच्च अधिकारियो को दी मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई ,यह होदी कभी भी गिर सकती हैं


रोहिडी सरपंच चुतर सिंह दोहट ने बताया की होदी के क्षतिग्रस्त होने के तुरंत बाद इसकी मरम्मत और नए जी एल आर के निर्माण का प्रस्ताव जलदाय विभाग को दे दिया , स्मरण पात्र भी दिए मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई ,जिला कलेक्टर को भी अवगत कराया ,परयजल संकट के साथ हादसे की आसंका बरकरार होने से ग्रामीण भयभीत हैं ,

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