बाड़मेर चुतरसिंह हत्या काण्ड की सी.बी.आई. जांच को लेकर एक जुट हुआ राजपूत समाज
बाड़मेर 27 जून
जैसलमेर में हुए चुतरसिंह हत्या कांड को लेकर आज जिला मुख्यालय बाड़मेर में श्री राणीरूपादे संस्थान में राजपूत समाज की बैठक हुई। इस बैठक में सामुहिक निर्णय लिया गया कि इस हत्या कांड में जैसलमेर पुलिस अधिकक्षक भी उतने ही दोषी है जितना की वो काॅनस्टेबल। पुलिस अधीक्षक के आदेष के बिना यह कतैई सम्भव नहीं है कि एक कांस्टेबल अपने स्तर पर राह चलते निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाये या फायरिंग करे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस नृष्ंस हत्याकाण्ड की जाँच सी.बी.आई. से करवाई जाये और पुलिस अधीक्षक समेत जितने भी लोग दौषी है उन सब को अभियुक्त बनाया जाये।
महेन्द्र सिंह तारातरा ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडवोकेट स्वरूपसिंह ने कहा कि जब तक चुतरसिंह के परिजनों के साथ न्याय नहीं हो जाता तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे और यह आन्दोलन दिनों दिन और ज्यादा विस्तृत होगा। पूरे बाड़मेर जैसलमेर में इसको लेकर मुहिम छेड़ी जोयेगी और पीड़ीत परिवार के साथ अतिषिघ्र न्याय नहीं होता है तो उग्र आन्दोलन किया जायेगा।
बैठक को सम्बोंधित करते हुए संागसिंह लूणू ने कहा कि चुतरसिंह कोई आतंकवादी या नक्सली तो नहीं था जो उसकी इस प्रकार पुलिस वालो द्वारा नृष्सं हत्या कर दी गई और इस पूरे प्रकरण में पुलिस जो भुठभेड की कहानी बता रही है जो सरासर झूठी है। उन तीनों के पास कोई हथियार नहीं था और बिना किसी चेतावनी के एकाएक उन तीनों पर गोलियां चला दी। जिसमें चुतरसिंह की मौत हो गई तथा दो अन्य युवक गोलियां लगने से घायल हो गए। और अभी जोधपुर के अस्पताल में जिन्दगी और मौत की जंग लड़ रहे है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए राजेन्द्र सिंह भीयांड़ ने बताया कि पुलिस ने चुतरसिंह को एक सुनियोजित तरिके से मारा है ये इससे भी सिद्ध हो जाता है कि चुतरसिंह को गोली मारने के कई घंटो बाद तक वहीं घटना स्थल पर मरने के लिए छोड़ दिया गया और जब पुलिस वालों को पुरी तसल्ली हो गई कि अब यह मर गया है तब मोर्चरी में ले जाकर पटक दिया।
वहीं बैठक को सम्बोंधित करते हुए रामसर उपप्रधान मगरसिंह खारा ने कहां कि अगली बड़ी बैठक बुधवार 29 जून को सुबह 11 बजे स्थानीय श्री राणीरूपादे संस्थान, गेहंु रोड़ पर रखी गई है। बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया जायेगा। जिसको लेकर अलग अलग क्षेत्रवार कमेटियां बनाकर लोगों को जिम्मेदारियों दी गई है।
बैठक में निर्मल सिंह दांता, मानसिंह दुधोड़ा, दीपसिंह रणधा, शेरसिंह भुरटिया, बाबूसिंह सरली, महावीर सिंह चूली, प्रवीण सिंह आगोर, गजेन्द्र सिंह खारा, भोमसिंह बलाई, वीपी सिंह,सवाई सिंह आकोड़ा, महेंद्र सिंह आगोर, विजय सिंह तारातरा, महेंद्र सिंह हडवा, लोकेन्द्र सिंह गोरडिया सहित कई समाज के लोग उपस्थित थे|
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