बाड़मेर। वृहद स्तर पर कौशल विकास गतिविधियां संचालित करेंः नेहरा
बाड़मेर। जिले में वृहद स्तर पर कौशल विकास गतिविधियां संचालित करें, ताकि अधिकाधिक लोगो को प्रशिक्षण देने के बाद स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने गुरूवार को जिला मुख्यालय पर कौशल विकास एवं आजीविका मिशन के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक के दौरान यह बात कही।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने कहा कि जिला मुख्यालय के अलावा सीमावर्ती इलाकांे मंे भी कौशल संबंधित प्रशिक्षण केन्द्र चलाए जाए। कौशल प्रशिक्षण मंे विभिन्न प्रकार के टेªडस को शामिल करने के साथ अधिकाधिक लोगांे को इससे जोड़ा जाए। उन्हांेने सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत कौशल विकास सेंटर प्रारंभ करने के निर्देश दिए। मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहरा ने जिले मंे कौशल विकास के लिए चल रही गतिविधियांे की समीक्षा करते हुए कहा कि आवासीय एवं नियमित रूप से चलने वाले प्रशिक्षण केन्द्रांे की तादाद बढाई जाए। इस दौरान जिला स्तरीय कौशल विकास समिति के जिला प्रबंधक मुकेशसिंह राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे मौजूदा समय मंे राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से पांच सहयोगी संस्थाआंे के साथ प्रशिक्षण केन्द्रांे का संचालन किया जा रहा है। इसमंे महिलाआंे को सिलाई प्रशिक्षण, मेकअप आर्टिस्ट, सीनियर सेल्स पर्सन, मेशन, सोलर होट वाटर सिस्टम के प्रशिक्षण शामिल है। उन्हांेने बताया कि सेड़वा मंे चल रहे प्रशिक्षण केन्द्र के साथ खारची मंे शुरू होने वाले नए प्रशिक्षण केन्द्र को आवासीय मंे परिवर्तन करने की कार्य योजना बनाई गई है। अब तक 1397 लोगांे को विभिन्न टेªडस मंे प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आरसेटी के जयप्रकाश सिंहल ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा के लाइफ प्रोजेक्ट के तहत अब तक 584 श्रमिकांे को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जबकि मौजूदा समय मंे 300 लोग प्रशिक्षण ले रहे है। बैठक के दौरान विभिन्न संस्थाआंे स्पेच शिक्षण समिति, श्योर, महिला मंडल आगोर, केयर्न उद्यमिता सेंटर के प्रतिनिधियांे ने कौशल विकास के क्षेत्र मंे उनकी ओर से संचालित की जा रही गतिविधियांे की जानकारी दी। इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक घनश्याम गुप्ता, लीड बैंक के अशोक कुमार समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बाड़मेर। जिले में वृहद स्तर पर कौशल विकास गतिविधियां संचालित करें, ताकि अधिकाधिक लोगो को प्रशिक्षण देने के बाद स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने गुरूवार को जिला मुख्यालय पर कौशल विकास एवं आजीविका मिशन के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक के दौरान यह बात कही।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने कहा कि जिला मुख्यालय के अलावा सीमावर्ती इलाकांे मंे भी कौशल संबंधित प्रशिक्षण केन्द्र चलाए जाए। कौशल प्रशिक्षण मंे विभिन्न प्रकार के टेªडस को शामिल करने के साथ अधिकाधिक लोगांे को इससे जोड़ा जाए। उन्हांेने सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत कौशल विकास सेंटर प्रारंभ करने के निर्देश दिए। मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहरा ने जिले मंे कौशल विकास के लिए चल रही गतिविधियांे की समीक्षा करते हुए कहा कि आवासीय एवं नियमित रूप से चलने वाले प्रशिक्षण केन्द्रांे की तादाद बढाई जाए। इस दौरान जिला स्तरीय कौशल विकास समिति के जिला प्रबंधक मुकेशसिंह राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे मौजूदा समय मंे राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से पांच सहयोगी संस्थाआंे के साथ प्रशिक्षण केन्द्रांे का संचालन किया जा रहा है। इसमंे महिलाआंे को सिलाई प्रशिक्षण, मेकअप आर्टिस्ट, सीनियर सेल्स पर्सन, मेशन, सोलर होट वाटर सिस्टम के प्रशिक्षण शामिल है। उन्हांेने बताया कि सेड़वा मंे चल रहे प्रशिक्षण केन्द्र के साथ खारची मंे शुरू होने वाले नए प्रशिक्षण केन्द्र को आवासीय मंे परिवर्तन करने की कार्य योजना बनाई गई है। अब तक 1397 लोगांे को विभिन्न टेªडस मंे प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आरसेटी के जयप्रकाश सिंहल ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा के लाइफ प्रोजेक्ट के तहत अब तक 584 श्रमिकांे को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जबकि मौजूदा समय मंे 300 लोग प्रशिक्षण ले रहे है। बैठक के दौरान विभिन्न संस्थाआंे स्पेच शिक्षण समिति, श्योर, महिला मंडल आगोर, केयर्न उद्यमिता सेंटर के प्रतिनिधियांे ने कौशल विकास के क्षेत्र मंे उनकी ओर से संचालित की जा रही गतिविधियांे की जानकारी दी। इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक घनश्याम गुप्ता, लीड बैंक के अशोक कुमार समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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