बुधवार, 8 जून 2016

बाड़मेर.सरहद के दोनों ओर सेहरी और इफ्तार



बाड़मेर.सरहद के दोनों ओर सेहरी और इफ्तार


भारत और पाकिस्तान की सरहद की सुरक्षा करने वाले आने वाले एक महीने तक सीमा क्षेत्र पर न केवल आमने-सामने होंगे, बल्कि दोनों ओर नमाज साथ पढ़ी जाएगी। रोजेदार इफ्तार और सेहरी भी एक ही समय पर करेंगे। सीमा सुरक्षा बल की ओर से जवानों के लिए सेहरी व इफ्तार का इंतजाम किया गया है।

भारत और पाकिस्तान दोनों ही मुल्कों में हिन्दू और मुस्लिम निवास करते हैं और दोनों देशों में ही सारे तीज-त्योहार मनाए जाते हैं। पाकिस्तान की पश्चिमी सरहद पर हिन्दू अधिकारी और जवान तैनात नहीं है, लेकिन भारतीय सीमा पर एेसा कोई भेदभाव नहीं है। यहां पश्चिमी सीमा पर करीब 300 मुस्लिम जवान और अधिकारी तैनात हैं।




इन अधिकारियों व जवानों में से रमजान के दौरान रोजे रखने वालों की संख्या भी काफी है। सीसुब ने इन जवानों का ख्याल रखा है। इफ्तार और सेहरी के वक्त देश की सुरक्षा करने वाले इन जवानों को तय समय पर भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। अपनी ड्यूटी पर ही नमाज अदा कर ये जवान सुबह सेहरी और शाम को रोजा इफ्तार करेंगे।

समय पर पहुंचेगा खाना

इफ्तार के वक्त को लेकर तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन सेहरी को लेकर विशेष ध्यान रखा जाएगा। सुबह 4:15 बजे सेहरी का वक्त है। इससे पहले ही जवानों को खाना पहुंचेगा, ताकि वे खाना-पानी कर नमाज अदा कर दें और इसके बाद शाम 7:38 के करीब इफ्तार होगा। शाम का खाना तो इसी समय तैयार हो जाता है।

पाकिस्तान में रोजेदारों को छुट्टी

जानकारी अनुसार सरहद के उस पार पाकिस्तान में रोजेदार सेहरी और इफ्तार के वक्त अवकाश पर रहेंगे और उन्हें हार्ड ड्यूटी से भी परहेज रहेगा। पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से रोजेदारों के लिए इफ्तार-सेहरी का प्रबंध किया जाएगा।

रखा है पूरा ध्यान

बीएसएफ में किसी तरह का धार्मिक भेदभाव नहीं है। रोजदारों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। उन्हें ड्यूटी तो करनी होगी, लेकिन इस दौरान उनके सेहरी और इफ्तार के वक्त पर खाने की सामग्री पहुंचा दी जाएगी, ताकि वे रोजा नियमित रख सकें।

प्रतुल्ल गौतम, उप महानिरीक्षक, सीसुब, बाड़मेर सेक्टर

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