मंगलवार, 10 मई 2016

विकास कार्याें मंे गुणवत्ता एवं पारदर्शिता पहली प्राथमिकता: प्रभारी मंत्री गोयल



विकास कार्याें मंे गुणवत्ता एवं पारदर्शिता पहली प्राथमिकता: प्रभारी मंत्री गोयल

प्रभारी मंत्री ने समीक्षा बैठक में की पेयजल, विद्युत एवं मौसमी बीमारियों से बचाव की समीक्षा


बाड़मेर, 10 मई। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान एवं अन्य विकास योजनाआंे के तहत कराए जा रहे कार्याें मंे गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इसमंे किसी तरह की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही होगी। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप प्राथमिकता से पेयजल योजनाआंे को पूर्ण करवाते हुए आमजन को राहत पहुंचाएं। जिले के प्रभारी मंत्री एवं ग्रामीण विकास तथा पंचायतीराज मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।

प्रभारी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य संपादित किया जाए। उन्हांेने कहा कि जिले मंे प्रगतिरत जलप्रदाय योजनाआंे को प्राथमिकता से पूर्ण करवाएं। साथ ही जिले के समस्त इलाकांे मंे जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। इसके लिए कंटीजंेसी प्लान के तहत कार्य करवाते हुए जलापूर्ति कर आमजन को राहत पहुंचाई जाए। उन्हांेने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान मंे अब तक हुए कार्याें की समीक्षा करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की सर्बोच्च प्राथमिकता वाला अभियान है। इसमें स्वीकृत कार्य हर स्थिति में 30 जून तक पूर्ण हो जाने चाहिए। ताकि वर्षा आने पर वर्षा जल का समुचित संग्रहण हो सके। उन्हांेने बाड़मेर जिले मंे इस अभियान के तहत कार्याें को समय पर पूरा करवाने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि इस अभियान में केवल जल संरक्षण के कार्य करवाए जा रहे हैं। इसलिए गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं हो तथा विना क्वालिटी कंट्रोल की रिपोर्ट के किसी भी कार्य का भुगतान नहीं किया जाए साथ ही चालू कार्य का भी अधिकारी समय समय पर निरीक्षण करें एवं उनकी गुणवत्ता को परखा जाए।

प्रभारी मंत्री गोयल ने कहा कि सरकार के पास संसाधनों की कमी नहीं है तथा साथ ही जनहित से जुड़ी योजनाओं के लिए भी धन की कमी नहीं है, लेकिन योजना को धरातल पर परिणित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इसलिए योजनाओं को भलीभांति तथा समय पर प्रारंभ करें ताकि सरकार की जनहित की भावना का सही मायने में लाभ मिल सके। उन्हांेने कहा कि मौसमी बीमारियांे से निपटने के लिए माकूल इंतजाम किए जाए। अगर कहीं से मौसमी बीमारियांे की सूचना मिले तो तत्काल उस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाए। गोयल ने इस दौरान न्याय आपके द्वार अभियान की समीक्षा करते हुए इसके जरिए अधिकाधिक लोगांे को लंबित प्रकरणांे का निस्तारण करवाकर राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर जिले के प्रभारी सचिव राजीवसिंह ठाकुर ने कहा कि विकास योजनाआंे के क्रियान्वयन मंे किसी तरह की कौताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर किसी तरह की अनियमितता सामने आई तो संबंधित कार्मिकांे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हांेने कहा कि अनियमितता की शिकायत मिलने पर राज्य स्तर से टीम भिजवाकर जांच करवाई जाएगी। उन्हांेने विकास कार्याें का दूसरी पंचायत समितियांे से विशेष दल भिजवाकर सत्यापन करवाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं गुड़ामालानी विधायक लादूराम विश्नोई ने कहा कि खाद्य सामग्री विशेषकर नकली घी के मामलांे मंे प्रभावी कार्रवाई की जाए। उन्हांेने कहा कि पेयजल समस्या के तत्काल समाधान के लिए सोलर पंप आधारित टयूबवैल स्वीकृत किए जाए। उन्हांेने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियांे की वीडियोग्राफी करवाने की जरूरत जताई। सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने सिवाना क्षेत्र मंे पेयजल संकट होने का जिक्र करते हुए कहा कि जलदाय विभाग मंे अधिकतर पद रिक्त है। इसके अलावा विभिन्न पेयजल परियोजनाआंे को कार्य बेहद मंथर गति से चल रहा है। उन्हांेने पेयजल परियोजनाआंे को प्राथमिकता से पूर्ण करवाने की जरूरत जताई। चैहटन विधायक तरूण राय कागा ने चैहटन क्षेत्र मंे पेयजल परियोजनाआंे की क्रियान्विति मंे तेजी लाने की जरूरत जताते हुए जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता दक्षिण खंड का कार्यालय चैहटन हस्तांतरित करने का मामला प्रभारी मंत्री के समक्ष रखा। इस समीक्षा बैठक मंे जिला कलक्टर सुधीर शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

समीक्षा बैठक के दौरान लंबित पेयजल परियोजनाआंे को प्राथमिकता से पूर्ण कराने, अभावग्रस्त गांवांे मंे टैंकरांे से जलापूर्ति की विशेष मोनेटरिंग करने, अवैध जल कनेक्शन करने वाले लोगांे के खिलाफ प्रभावी पुलिस कार्यवाही, खाद्य पदार्थाें मंे मिलावट की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करने, आरोग्य राजस्थान अभियान मंे अपेक्षित प्रगति लाने, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की प्रतिदिन समीक्षा करने समेत विभिन्न मामलांे पर विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान प्रभारी मंत्री गोयल ने संबंधित अधिकारियांे को इन मामलांे मंे प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।


प्रदेश मंे 545 निजी अस्पतालांे मंे मिली निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं
बाड़मेर, 10 मई। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियो को निःशुल्क गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अब राजस्थान के 47 नए निजी अस्पताल और जुड़ गए है। इन 47 नये निजी अस्पतालो के जुड़ने से अधिकृत निजी अस्पतालों की संख्या 545 तक पहुंच गई है। इन नए निजी अस्पतालो के जुडने से योजना के लाभार्थियो को इन निजी अस्पतालो मे कैशलेस इलाज मिल पाएगा।

राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन जैन ने बताया कि इन नये जुड़ने वाले निजी अस्पतालो में जयपुर के एटरनल हार्ट सेंटर और रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैटो मास हार्टकेयर एण्ड मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, संतोष नर्सिंग होम, झुंझनु के हलवान मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, ऑक्सफोर्ड हॉस्पिटल, सेठ आंनदराम जयपुरिया हॉस्पिटल, आस्था हॉस्पिटल, कोटा के मंजु ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल, नागौर के मारवाड हॉस्पिटल, मरूधर हॉस्पिटल आदि प्रमुख है। इन नए 47 निजी अस्पतालो में जयपुर जिले के 8, अजमेर का एक, बांसवाडा का एक, बाडमेर के तीन, भरतपुर का एक, भीलवाडा के तीन, बीकानेर के तीन, चितौडगढ़ का एक, हनुमानगढ का एक, जालोर का एक, झुंझनु के सात, कोटा का एक, नागौर के दो, पाली के दो, राजसमंद का एक, सीकर का एक, सिरोही के चार, उदयपुर का एक और श्रीगंगानगर के पांच निजी अस्पताल है। राजस्थान के 432 सरकारी चिकित्सा संस्थानांे मंे भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ आमजन को दिया जा रहा है। जैन ने बताया कि योजना के सभी लाभार्थियों को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ अब इन निजी अस्पतालों की सुपर स्पेशलिटी सेवाओ का लाभ मिल सकेगा। उनके मुताबिक इस योजना से अब तक डेढ़ लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें