नई दिल्ली।SC/ST एक्ट: दलितों के मामलों में 60 दिन में दाखिल करनी होगी चार्जशीट
संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर केंद्र सरकार ने अनुसूचति जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम में नए और महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। इसके तहत अब दलितों के केस की सुनवाई 60 दिन के अंदर करनी होगी।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में बरती जाएगी सख्ती
नए प्रावधानों में दलितों के मामलों की दो महीने के अंदर जांच के साथ कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल करना शामिल है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत प्रावधान किया गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पीड़ितों को राहत राशि और अलग से मेडिकल जांच कराई जाएगी।
सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने एससी-एसटी (उत्पीड़न निरोधक) एक्ट में सुधार कर 14 अप्रैल, 2016 को नए नियम को लागू कर दिया। नए नियम में उत्पीड़न के मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर केंद्र सरकार ने अनुसूचति जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम में नए और महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। इसके तहत अब दलितों के केस की सुनवाई 60 दिन के अंदर करनी होगी।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में बरती जाएगी सख्ती
नए प्रावधानों में दलितों के मामलों की दो महीने के अंदर जांच के साथ कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल करना शामिल है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत प्रावधान किया गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पीड़ितों को राहत राशि और अलग से मेडिकल जांच कराई जाएगी।
सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने एससी-एसटी (उत्पीड़न निरोधक) एक्ट में सुधार कर 14 अप्रैल, 2016 को नए नियम को लागू कर दिया। नए नियम में उत्पीड़न के मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
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