तीसरी संतान पर सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अब नहीं होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
— उदय योजना के फाइनेंसियल रिस्ट्रक्चर प्लान को मंजूरी
— तीनों बिजली कंपनियों के 80,530 करोड़ कर्ज में से 75 फीसदी कर्ज सरकार चुकाएगी
— 9 मई से 1 जुलाई तक न्याय आपके द्वार अभियान चलेगा, गांवों में राजस्व अदालतें लगाकर रास्तों के विवाद और राजस्व विवाद निपटाए जाएंगे
— 25 सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का 27.5 करोड़ रुपए का विकास शुल्क माफ, कैबिनेट ने विकास शुल्क का आॅडिट पैरा ड्रॉप किया, सौर उर्जा नीति का प्रावधान बदला
— नेशनल हाईवे के लिए मुफ्त दी जाएगी सरकारी जमीन, केवल भवन का ही मुआवजा
— नेशनल हाईवे को सरकारी जमीन के बदले 145 करोड़ बकाए का आॅडिट पैरा ड्रॉप
जयपुर। सरकारी कर्मचारियों के दो से ज्यादा संतान होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रावधान को हटाए जाने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। हालांकि दो से ज्यादा संतान पर प्रमोशन और एसीपी पर रोक जारी रहेगी, केवल नियम 25 सी के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रावधान को हटाया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता मेंं मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई फैसले किए गए।
संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कैबिनेट ने बिजली कंपनियों के कर्ज राज्य सरकार द्वारा चुकाने के लिए उदय योजना के फाइनेंसियल रिस्ट्रक्चर प्लान को मंजूरी दे दी है। इसके तहत बिजली कंपनियों पर 80,530 करोड़ कर्ज में से 75 फीसदी कर्ज सरकार चुकाएगी, 2015—16 में कर्ज का 50 फीसदी और 16—17 में 25 फीसदी पैसा सरकार वहन करेगी। इसके लिए 37, 350 करोड़ के बॉन्ड सरकार जारी कर चुकी है और 20,133 करोड़ के बॉन्ड इस साल और जारी किए जाएंगे।
9 मई से 1 जुलाई तक चलेगा न्याय आपके द्वार अभियान :9 मई से लेकर 1 जुलाई तक न्याय आपके द्वार अभियान चलाने का फैसला किया है, जिसके तहत गांवों में राजस्व लोक अदालतें लगाकर राजस्व से जुड़े लंबित मामले निपटाए जाएंगे। इनमें रास्तों से जुड़े विवादों को निपटाने को प्राथमिकता दी जाएगी। राजस्व विववादों में 10 फीसदी मामले रास्तों के विवाद से जुड़े थे। अभियान के लिए 25 से 27 अप्रैल तक तहसीलदार, एसडीएम और एसीएम की वर्कशॉप रखी जाएगी।
25 सोलर प्रोजेक्ट पर 27.5 करोड़ के बकाया विकास शुल्क का आॅडिट पैरा ड्रॉप, एनएच के लिए मुफ्त सरकारी जमीन : कैबिनेट ने हाईवे के लिए सरकारी जमीन मुफ्त देने का फैसला किया है, केवल जमीन में जो भवन या कोई स्ट्रक्चर होगा, उसी का मुआवजा लिया जाएगा। 5 फरवरी 1999 से 23 जून 2004 के बीच नेशनल हाईवे को दी गई सरकारी जमीन के बकाया मुआवजे का 145 करोड़ का आॅडिट पैरा ड्रॉप करने का फैसला किया है। इसी तरह कैबिनेट ने 25 सोलर प्रोजेक्ट का 27.5 करोड़ रुपए का विकास शुल्क माफ करते हुए इस पर बने आॅडिट पैरा को भी ड्रॉप करने की मंजूरी दी है। सोलर पॉलिसी 2011 के प्रावधान के मुताबिक अगर कोई सोलर प्रोजेक्ट डिस्कॉम को छोड़ बाहर बिजली बेचता है तो उसे 10 लाख प्रति मेगावाट के हिसाब से विकास शुल्क देना होगा। 25 सोलर प्रोजेक्ट ने जनवरी 2011 में ही पावर पर्चेज एग्रीमेंट (पीपीए) कर लिए थे, जबकि सोलर पॉलिसी अप्रैल 11 में लागू हुई थी।
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