सोमवार, 7 मार्च 2016

जयपुर।'सरकार' को घनश्याम तिवाड़ी ने फिर दिखाए तेवर, अब मंत्री पर जड़े आरोप



जयपुर।'सरकार' को घनश्याम तिवाड़ी ने फिर दिखाए तेवर, अब मंत्री पर जड़े आरोप 
विधानसभा बजट सत्र में राज्यपाल अभिभाषण में शामिल मंत्र का विवाद गरमा गया है। इस मामले में मंत्र पर आपत्ति उठाने वाले भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली को कटघरे में रख दिया है। यही नहीं तिवाड़ी ने इस मामले में कैबिनेट मंत्री युनूस खान पर अधिकारियों पर दबाव डालकर मंत्र लिखवाने के आरोप लगाए।

तिवाड़ी ने इस मामले में सोमवार को राज्यपाल से मुलाक़ात कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि अभिभाषण में शामिल जिस मंत्र को लेकर उन्होंने आपत्ति उठाई थी वो आपत्ति सौ फ़ीसदी सही है।

तिवाड़ी ने अपनी आपत्ति को साबित करने के लिए ग्रंथों और अन्य दस्तावेज़ों का भी सहारा लिया। उन्होंने राज्यपाल को दो ग्रंथ भी दिए जिसमे अभिभाषण में शामिल किये गए मंत्र और उसके बारे में व्याख्या बताई गई है।

राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद तिवाड़ी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सदन में जो उन्होंने राज्यपाल अभिभाषण में शामिल मंत्र को लेकर आपत्ति उठाई है वो गलत नहीं है।

उन्होंने कहा, ''राज्यपाल से मिलकर मैंने ये बताना चाहा है कि अभिभाषण में शामिल मंत्र अंत्येष्टि के दौरान पढ़ा जाता है। मेरी आपत्ति को राज्यपाल ने सुना है और मुझे आश्वस्त किया है कि इस सम्बन्ध में सरकार से जवाब मांगा जाएगा।ये आश्वस्त किया गया है कि यदि आपत्ति सही पाई जाती है तो आगे की कार्यवाही की जायेगी।''

तिवाड़ी ने कहा, ''राज्यपाल अभिभाषण में इस तरह की भूल कोई मामूली बात नहीं है। मैं आपत्ति उठाकर कोई अपने नंबर नहीं बढ़ाना चाहता। लेकिन मैं ये सोचता हूं कि यदि राज्यपाल अभिभाषण में इस तरह की गंभीर भूल रहेगी तो सदन में आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ़ नहीं करेंगी।''

युनूस खान पर जमकर बरसे तिवाड़ी

राज्यपाल अभिभाषण मंत्र विवाद में अपना पक्ष रखते हुए तिवाड़ी ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों पर निशाना साधा। तिवाड़ी ने कहा कि सामने आया है कि मंत्री युनूस खान ने अधिकारियों से दबाव बनाकर अंत्येष्टि में बोले जाने वाले मंत्र को अभिभाषण में शामिल किया है।

उन्होंने कहा कि किसी को एबीसीडी तक नहीं आती वो ऐसा करे तो समझ में आता है, लेकिन विधायक का ऐसा कार्य विधायिका के खिलाफ है।

तिवाड़ी ने कहा कि जाने-माने संस्कृत विद्वानों कलानाथ शास्त्री और अनिल घोड़ेकर ने भी अभिभाषण में शामिल मंत्र को मरणोत्तर क्रियाओं में पितरों की मोक्ष का मंत्र बताया है। इस मंत्र को लेकर प्रमाण मिले हैं।

ये हैं विवाद का मंत्र

'आयुर्विश्वायू: परि पासति त्वा पूषा त्वा पातु प्रपथे पुरस्तात्। यत्रासते सुकृतो यत्र ते ययुस्तत्र त्वादेव: सविता दधातु।ज् इसी मंत्र को लेकर विवाद शुरू हुआ है।

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