रविवार, 6 मार्च 2016

जोधपुर।अब डेंगू व चिकनगुनिया जैसे वायरस से हो रहा है दिमागी बुखार



जोधपुर।अब डेंगू व चिकनगुनिया जैसे वायरस से हो रहा है दिमागी बुखार


किसी समय जापानी एनसेफेलाइटिस वायरस को ही दिमागी बुखार का कारण माना जाता था, लेकिन हाल ही के अध्ययनों में यह बात सामने आई कि डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाले एडिज वायरस और स्वाइन फ्लू के एच-1एन-1 वायरस से दिमागी बुखार (एनसेफेलाइटिस) हो रहा है।

इण्डियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की शाखा ट्रॉपिकल न्यूरोलॉजी की ओर से शनिवार को यहां शुरू हुए 11 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन मस्तिष्क रोग विशेषज्ञों (न्यूरोलॉजिस्ट) ने यह बात कही।

अधिवेशन के पहले दिन देश से आए 30 न्यूरोलॉजिस्ट की एक टास्क फोर्स गठित की गई। टास्क फोर्स ने अपने अध्ययन और अनुभव के आधार पर वायरसों में आए बदलाव से लोगों में हो रहे दिमागी बुखार के लक्षण, कारण, टीका, निवारण और दवाइयों के संबंध में एक प्रोटोकॉल तैयार किया है जिसे न्यूरोलॉजी एकेडमी को भेजा जाएगा। अधिवेशन के आयोजन सचिव डॉ. जेसी मालू ने बताया कि इस प्रोटोकॉल के आधार पर दिमागी बुखार के नए मरीजों का उपचार किया जाएगा।

इबोला और कांगों से भी नहीं बच सकते

दिल्ली स्थित जनकपुरी अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मनमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि दुनिया भर में वायरसों में बदलाव आ रहे हैं। इबोला और कांगों जैसे वायरस भारत में भी आ सकते हैं। वायरस बदलने की एक वजह इनके आनुवंशिक पदार्थ और लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में आया बदलाव है। पूना से आए राहुल कुलकर्णी ने कहा कि वायरस खुद बदल रहा है। पहले जापानी एनसेफेलाइटिस अधिक होता था लेकिन अब कम हो रहा है। चैन्नई से आए लक्ष्मी नरसिंह्मन, लुधियाना के डॉ. गगनदीप सिंह, एम्स जोधपुर के डॉ. वीएस नाहर और डॉ. प्रताप संचेती ने वायरसों की प्रकृति में हुए बदलाव और इसके चलते लोगों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव के बारे में बताया।

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