बाड़मेर गिड़ा में तीन दिन से घूम रहा ोेन्थर ,ग्रामीणो की जान सांसत में
बाड़मेर जिले के बायतू क्षेत्र में पिछले चार दिन पहले एक पेंथर घुस आया था जो आज पांचवे दिन भी वन विभाग के हाथ नही लगा है !
किसी प्रकार की जनहानी को रोकने के लिए पिछले पांच दिनों से इस पेंथर को पकड़ने के लिए बाड़मेर के आलाधिकारियों के साथ साथ बायतू विधायक से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियो के साथ साथ गाँवों के ग्रामीणो के भी पसीने छूट रहे है !इस तरह के जानवर का इस क्षेत्र रेतीले धोरों में पहली बार आगमन हुआ है इसलिए वन विभाग की टीम को पेंथर को पकड़ने के लिए आखिर क्या संसाधनों की कमी है क्या ?
हर किसी की जुबां पर यही शब्द निकल रहा हैं कि पांच दिन गुजर जाने के बाद ऐसा क्या जानवर है जो यहाँ के वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियो को दर्शन ही नही दिया है !क्या विभाग के अधिकारियो को पकड़ने का अनुभव नही है या निष्क्रिय है :-पांच दिन पूर्व जोधपुर से एक रेस्क्यु टीम जो बायतू पहुंची जिनके पास क्या ट्रेकुलाइजेशन गन और संसाधनों के अभाव में आए है क्या दुसरा सवाल सामने आ रहा है कि वो ढिलाई बरत रहे है क्या जिससे बिना अनुभव की ही बात सामने आ रही है !वन विभाग की रेस्क्यु टीम के साथ साथ ग्रामीण भी सहयोग कर रहे है !फिर भी पेंथर को पकड़ने में विभाग अभी भी असफल है !जिससे साफ़ जाहिर होता है कि वन विभाग कितना सक्रिय है !अगर यही ढुलमुल निति रही तो पिछले पांच दिन से भूखा पेंथर कही मानव या प्राणी को पर हमला कर दिया तो आखिर कौन होगा जिम्मेदार !
बाड़मेर जिले के बायतू क्षेत्र में पिछले चार दिन पहले एक पेंथर घुस आया था जो आज पांचवे दिन भी वन विभाग के हाथ नही लगा है !
किसी प्रकार की जनहानी को रोकने के लिए पिछले पांच दिनों से इस पेंथर को पकड़ने के लिए बाड़मेर के आलाधिकारियों के साथ साथ बायतू विधायक से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियो के साथ साथ गाँवों के ग्रामीणो के भी पसीने छूट रहे है !इस तरह के जानवर का इस क्षेत्र रेतीले धोरों में पहली बार आगमन हुआ है इसलिए वन विभाग की टीम को पेंथर को पकड़ने के लिए आखिर क्या संसाधनों की कमी है क्या ?
हर किसी की जुबां पर यही शब्द निकल रहा हैं कि पांच दिन गुजर जाने के बाद ऐसा क्या जानवर है जो यहाँ के वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियो को दर्शन ही नही दिया है !क्या विभाग के अधिकारियो को पकड़ने का अनुभव नही है या निष्क्रिय है :-पांच दिन पूर्व जोधपुर से एक रेस्क्यु टीम जो बायतू पहुंची जिनके पास क्या ट्रेकुलाइजेशन गन और संसाधनों के अभाव में आए है क्या दुसरा सवाल सामने आ रहा है कि वो ढिलाई बरत रहे है क्या जिससे बिना अनुभव की ही बात सामने आ रही है !वन विभाग की रेस्क्यु टीम के साथ साथ ग्रामीण भी सहयोग कर रहे है !फिर भी पेंथर को पकड़ने में विभाग अभी भी असफल है !जिससे साफ़ जाहिर होता है कि वन विभाग कितना सक्रिय है !अगर यही ढुलमुल निति रही तो पिछले पांच दिन से भूखा पेंथर कही मानव या प्राणी को पर हमला कर दिया तो आखिर कौन होगा जिम्मेदार !
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