नई दिल्ली जाट आरक्षण आंदोलन बेकाबू, स्कूल-कॉलेज 22 तक बंद
जाट आरक्षण आंदोलन के हिंसक और बेकाबू होने से केन्द्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। उनका मानना है कि राज्य सरकार इसकी गंभीरता को समझने में और संभालने में पूरी तरह विफल रही।
नेताओं का खेल!
भाजपा को इस पूरे मामले पर राजनीतिक साजिश की आशंका भी नजर आ रही है। पार्टी को लग रहा है कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को विफल बताने के लिए जाट आरक्षण मुद्दे को सुनियोजित तरीके से हवा दी गई है, हालांकि मामले की गंभीरता और उग्र प्रदर्शन को लेकर भाजपा फिलहाल चुप रहने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि रोहतक, झज्जर व पानीपत कांग्रेस नेता भूपिंदर हुड्डा का प्रभाव क्षेत्र रहा है और सबसे ज्यादा बवाल उन्हीं क्षेत्रों में हो रहा है।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बात को भी पता कराने की कोशिश कर रहा है कि कही जाट आरक्षण आंदोलन को भडका कर खट्टर को अपदस्थ करने की साजिश में हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के जाट नेता तो शामिल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते भाजपा आरक्षण की घोषणा नहीं कर पा रही है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में जाट पिछड़ा वर्ग में हैं और उनको आरक्षण का लाभ मिल रहा है। जबकि हरियाणा में पिछली कांग्रेस सरकार ने अलग से आरक्षण दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
गुडग़ांव में जाम
आंदोलन के चलते गुडग़ांव जाम रहा। सभी चौराहों और सड़कों पर आंदोलनकारी नजर आए। इस दौरान गुडग़ांव स्थित कंपनियों के कर्मचारियों की तीन बजे ही छुट्टी कर दी गई। अपने घरों को निकले कर्मचारी जगह-जगह दौड़ते नजर आए। इस दौरान यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस नजर नहीं आ रही थी। सड़कों पर गाडिय़ां देर रात तक फंसी रही।
जाट बोले-हमारा हक
शनिवार को राष्ट्रीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने गुडग़ांव में प्रेस वार्ता कर जाट समुदाय व अन्य बिरादरियों से सौहार्द एवं भाईचारा बनाए रखने की अपील की। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल ओपी संधु बोले 'आरक्षण हमारा अधिकार है, यह भीख नहीं इसे हम लेकर रहेंगे हिंसा भड़काने का काम भाजपा के सांसद राजकुमार सैनी की बिग्रेड द्वारा किया जा रहा है जबकि जाट सुमदाय बदनाम हो रहा है।'
केंद्र में आरक्षण चाहते हैं जाट
जाट चाहते है कि मोदी सरकार संसद में कानून बनाकर जाटों को केंद्रीय सेवाओं में ओबीसी में शामिल करे। साथ ही यूपी और राजस्थान में पहले से ओबीसी में शामिल जाटों की तरह पंजाब, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश के जाटों को राज्य के साथ केंद्रीय सेवाआें में ओबीसी के तहत आरक्षण दिया जाए।
उत्तर प्रदेश में भी आरक्षण पर खतरा
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए जाट आरक्षण के खिलाफ एक याचिका बीते वर्ष दायर की गई। याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में जाट आरक्षण पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। प्रदेश सरकार के स्तर पर यह मामला अभी अटका हुआ है।
आयोग ने भी खारिज कर दी थी मांग
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जाटों को आर्थिक सामाजिक तौर पर पिछड़ा नहीं माना था। आरक्षण की मांग खारिज कर दी थी। आयोग ने दिल्ली में इसके लिए करीब एक पखवाड़े तक सुनवाई भी की थी। तब यूपीए सरकार ने आयोग की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए जाटों को केन्द्र में आरक्षण की घोषणा की थी।
पूर्व शिक्षामंत्री का भी घर फूंका
झज्जर विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुल्लर के घर को भी शनिवार को आग लगा दी गई। उधर, हिसार में हरियाणा के पूर्व मंत्री अतर सिंह सैनी के चचेरे भाई को गोली मार दी गई। गोली आंदोलनकारियों की भीड़ से चली।
गुस्साए लोगों ने जुलाना में रेलवे स्टेशन को आग लगा दी।
तीन स्कूलों में आग लगाई
प्रदर्शनकारियों ने गुहाना स्थित तीन स्कूलों में आग लगा दी। इसके चलते राज्य सरकार ने हिंसा से ग्रसित शहरों में 22 तक स्कूल कॉलेज बंद कर दिए है।
तारीखों में जाट आरक्षण
2 मार्च 2014-केंद्र सरकार ने जाटों को केंद्रीय सेवाओं में ओबीसी में शामिल किया
अप्रैल 2014- जाट आरक्षण के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका मंजूर
17 मार्च 2015 सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जाटों को दिया गया आरक्षण अनुचित। जातीय आधार पर आरक्षण देना ठीक नहीं। जाति पिछड़ेपन का एकमात्र आधार नहीं हो सकती।
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