ये हैं बसंत पंचमी के 2 श्रेष्ठ योग, जानिए कब है पूजन का शुभ समय
बसंत पंचमी मां सरस्वती की आराधना का महापर्व है जो ज्ञान, सद्बुद्धि, विवेक और यश प्रदान करने वाली देवी हैं। 12 फरवरी 2016 को बसंत पंचमी अनेक शुभ योग लेकर आ रही है जो आपके समस्त श्रेष्ठ कार्य सफल बनाएंगे।
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग का निर्माण हो रहा है। ये दोनों ही योग शुभ कार्यों के लिए अतिश्रेष्ठ होते हैं। इनमें किया गया कार्य निर्विघ्न संपन्न होता है।
बसंत पंचमी को देवी सरस्वती का पूजन कर शुभ कार्यों का श्रीगणेश करने से आपको सफलता मिलेगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार, माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को देवी सरस्वती का उद्भव हुआ था। अत: हर साल यह दिन उन्हीं की वंदना करते हुए उनके शुभ गुणों को समर्पित किया जाता है।
बसंत पंचमी के दौरान मौसम भी सुहावना होता है। न ज्यादा सर्दी होती है और न गर्मी। तन और मन की प्रसन्नता के लिए यह मौसम बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। इसी समय प्रकृति भी अपने विविध रंगों से शृंगार करती है।
कब करें शुभ काम
पंडितों के अनुसार, पंचमी तिथि 12 फरवरी की मध्य रात्रि 2.32 तक रहेगी। 13 फरवरी को तिथि का क्षय हो रहा है। अत: शुभ कार्य व अनुष्ठान आदि 12 फरवरी को ही करने चाहिए।
दूसरी ओर, बसंत पंचमी के दिन सूर्योदय से लेकर प्रात: 9.16 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा में पूजन व शुभ कार्यों का निषेध किया जाता है। इसलिए मां सरस्वती का पूजन भद्रा समाप्ति के पश्चात ही करना चाहिए। पूजन के लिए श्रेष्ठ समय 9.30 बजे से होगा जो संपूर्ण दिन रहेगा।
बसंत पंचमी से कुछ और परंपराएं भी जुड़ी हैं। इसी दिन से होलिका निर्माण किया जाता है और फाल्गुन के गीत शुरू हो जाते हैं। यह दिन विद्या की देवी को समर्पित है। इसलिए बसंत पंचमी से बच्चों को अक्षर ज्ञान भी दिया जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें