गुरुवार, 7 जनवरी 2016

फोन नंबर देकर घर बुलाती थी महिला, रेप में फंसाकर करती थी ब्लैकमेल

फोन नंबर देकर घर बुलाती थी महिला, रेप में फंसाकर करती थी ब्लैकमेल

गुलाबी



जयपुर. झोटवाड़ा पुलिस ने महिलाओं के ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है ज्वैलर्स व कपड़ा व्यापािरयों काे दुष्कर्म केस में फंसाने की धमकी देकर रुपए ऐंठती थी। बदनामी के डर से पीड़ित समझौते के लिए तैयार हो जाते।

फोन नंबर देकर कैसे फंसाती थी महिलाएं...

आरोपी दिलीप व राकेश शर्मा ज्वैलर्स व कपड़ा व्यापरियों की जानकारी लेते थे। इसके बाद दोनों महिलाओं को व्यापारियों के पास वस्तुएं खरीदने के लिए ले जाते थे। वहां पहले खरीदारी की बात करते। महिलाओं को व्यापारियों से बात करते छोड़कर राकेश व दिलीप वहां से चले जाते।

इस दौरान दोनों महिलाएं व्यापारियों को झांसे में ले लेती थीं और फोन नंबर का आदान-प्रदान करतीं। उन्हें बातों में उलझाकर घर बुलाती। घर में दरवाजा बंद कर आरोपी मारपीट करते। इसके बाद दिलीप व राकेश दोनों महिलाओं के साथ व्यापरियों की मोबाइल में फोटो खींच लेते। ब्लैकमेल कर रुपए नहीं देने पर दुष्कर्म केस में फंसाने की धमकी देते।

पुलिस ने व्यापारी की निशानदेही पर महिलाओं और दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से थार जीप, स्टाम्प, जमीनों के दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपियों ने जयपुर में दो साल से मकान किराए पर लेकर करीब 20 से अधिक लोगों को ठगना स्वीकार किया है। आरोपी ठगी के रुपए जमीन में निवेश करते थे।

पुणे में 2015 में बढ़े 7 प्रतिशत अपराध, 264 महिलाओं के साथ हुआ रेपबागपत: सिपाही पर भाई की बीवी से रेप का आरोप, जांच में जुटी पुलिसरेप केस में जेल में हैं पूर्व मंत्री, मां की सेवा के लिए मिली 7 दिन की जमानत

थानाधिकारी शिवकुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी गणेश नगर हरमाड़ा की गुलाबी उर्फ सुनीता जाट व उसका भाई दिलीप उर्फ मुकेश, नारायणनगर दादी का फाटक की कंचन उर्फ सुमन जांगिड़ व नवलगढ़ झूंझुनू का राकेश शर्मा है। सुनीता और कंचन ने अपने पतियों को छोड़ रखा है जबकि बच्चे साथ रहते हैं।

स्टाम्प पर लिखित में समझौता करतीं
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि बदनामी के डर से व्यापारी रुपए देकर समझौता करने के लिए तैयार हो जाते थे। लिखित में समझौता करने के लिए आरोपी, व्यापारियों से सौ रुपए का स्टाम्प मंगवाते थे। इसके बाद घर में ही राकेश व दिलीप स्टाम्प पर लिखत-पढ़त करते।



गवाहों में दिलीप व राकेश कोई एक महिला हस्ताक्षर कर देते और स्टाम्प को आरोपी अपने पास रख लेते थे। व्यापारी मोबाइल में खिंची फोटो और स्टाम्प की लिखत-पढ़त से डरकर आरोपियों को रुपए दे जाते। रुपए देने के बाद आरोपी व्यापारियों के सामने स्टाम्प को फाड़कर जला देते और मोबाइल की फोटो भी डिलीट कर देते।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें