मंगलवार, 5 जनवरी 2016

बाड़मेर, श्मशान घाट की भूमि पर अतिक्रमण रोकने को कलक्टर को ज्ञापन सौंपा



बाड़मेर, श्मशान घाट की भूमि पर अतिक्रमण रोकने को कलक्टर को ज्ञापन सौंपा

बाड़मेर, 05 जनवरी। सार्वजनिक श्मशान घाट के खसरा 1638 की भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए मेघवाल समाज के सैकड़ांे लोगांे ने जिला कलक्टर सुधीर कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन मंे श्मशान घाट की भूमि पर नगरपरिषद की तथाकथित मिलीभगत से अतिक्रमण रोकने एवं नियमानुसार कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है।

मेघवाल समाज के सैकड़ांे लोगांे ने मंगलवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि सार्वजनिक श्मशान घाट की भूमि खसरा 1638 रकबा 60.15 बीघा नगरपरिषद के नाम से दर्ज है। इसके चारो तरफ नगरपरिषद की ओर से चारदीवारी भी बनाई गई है। जिस पर सभी समाजांे के लोग अंतिम संस्कार करते है। जिसमंे चैहटन रोड़ एवं आंबेडकर सर्किल की तरफ मेघवाल समाज के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी एवं सदियांे से अंतिम संस्कार करते आ रहे है। ज्ञापन मंे बताया कि कुछ तथाकथित असामाजिक तत्व केवलचंद बोहरा, सोहनलाल, पवन सिंधी, आनंद राठी वगैरह धनबल एवं बाहुबल के आधार पर नगर परिषद के अधिकारियांे को गुमराह कर गैर वाबिज तरीके से मेघवाल समाज श्मशान की भूमि पर कब्जे का प्रयास कर रहे है। चार जनवरी को सायं 7-8 बजे नगर परिषद अधिकारी, कर्मचारी मय पुलिस जाब्ते के साथ सरकारी वाहनांे मंे मेघवाल समाज श्मशान घाट पर आए। मेघवाल समाज के मौजीज लोगांे ने नगर परिषद के अधिकारियांे को नियम विरूद्व कार्य करने से रोका। साथ ही संबंधित दस्तावेज अधिकारियांे को सौंपे, इस पर परिषद एवं पुलिस अधिकारियांे ने संतोष जताया। ज्ञापन मंे बताया कि पूर्व मंे यह लोग कई मर्तबा नगर परिषद एवं पुलिस अमले को परेशान करते रहे है। इस संबंध मंे पूर्व मंे भी कोतवाली पुलिस थाने मंे मामला दर्ज करने के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दी गई थी। लेकिन अभी तक मामला दर्ज नहीं हो पाया है।

ज्ञापन मंे बताया कि नगरपालिका बाड़मेर ने इस श्मशान भूमि पर अंतिम संस्कार के लिए आने वाले बड़ा विश्रामगृह मय टांका एवं समाज के दानदाताआंे ने एक छोटा विश्रामगृह, एक कमरा तथा टांका वर्षाें पूर्व बनाया गया था। ज्ञापन के अनुसार तथाकथित असामाजिक तत्वांे ने निजी स्वार्थाें के लिए 29 सितंबर 2013 को फर्जी पटटा बनाने के लिए जरिए रसीद संख्या 73864 के जरिए नगरपालिका के अधिकारियांे की मिलीभगत से राशि जमा कराई। जबकि भूमि का भौतिक सत्यापन भी नहीं कराया गया। ज्ञापन मंे बताया कि माननीय उच्च न्यायालय मंे प्रस्तुत वाद 1895/02 दिनांक 29 अप्रैल 2003 को खारिज किया जा चुका है। मेघवाल समाज के लोगांे ने जिला कलक्टर ने तथाकथित असामाजिक लोगांे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने की मांग की गई है।

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