जालोर नर्मदा के नीर के जालोर पहुंचने पर समारोह का आयोजन
जालोर 6 जनवरी - नर्मदा के नीर के जालोर पहुंचने पर स्थानीय सहायक अभियन्ता कार्यालय में समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह में सांसद देवजी पटेल ने कहा कि नर्मदा के पानी से जालोर की जनता का सपना साकार हो गया हैं । उन्होंने कहा कि यह शासन या प्रशासन की नहीं अपितु जनता की जीत हैं। इसके लिए काफी लम्बे समय से प्रयास चल रहे थे। इन प्रयासों को आज जाकर सफलता मिली हैं। यह जालोर के लिए विकास के नये प्रतिमान स्थापित करेगा। आम जनता को पानी के लिए राहत मिलेगी वही अन्य विकास कार्यो के लिए जल उपलब्ध हो पायेगा। जिला प्रमुख डाॅ. वन्नेसिंह गोहिल ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में पूरे जालोर जिले को नर्मदा का जल उपलब्ध हो पायेगा। इस अवसर पर उपस्थित जालोर विधायक श्रीमती अमृता मेघवाल ने मुख्यमंत्राी वसुन्धरा राजे को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके द्वारा उपलब्ध करवाये गये बजट से ही यह कार्य सम्भव हो पाया हैं। उन्होंने जनता व मीडिया का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जनता के दृढ इच्छाशक्ति व मीडिया की जागरूकता से ही नर्मदा का जल जालोर को मिल पाया हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर इस कार्य को सफल बनाया हैं।
इस अवसर पर जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि हमारा लम्बा प्रयास आज सफलता में परिणित हुआ हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि हम इस कार्य को बहुत पहले ही पूरा कर देना चाहते थे किन्तु प्राकृतिक आपदाओं व तकनीकी खामियों के चलते थोडा अधिक समय लग गया किन्तु हमने सतत् प्रयास जारी रखे। समस्त तकनीकी विभागों से सामंजस्य बनाकर जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर प्रशासन द्वारा किये गये टीम प्रयासों से ही इस कार्य को सफल बनाया जा सका हैं। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय मे यह नर्मदा का नीर जालोर जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। समारोह में जालोर प्रधान सुश्री संतोष, सायला प्रधान जबरसिंह तूरा, जालोर उपखण्ड अधिकारी हरफूल पंकज, अधीक्षण अभियन्ता बी.एल.सुथार, अधिशाषी अभियन्ता के.सी.सिंघारिया सहित बडी संख्या में जालोरवासी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के पश्चात् विद्यालयी छात्राओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई जो जलदाय विभाग के सामने से होते हुए पंचायत समिति से बडी पोल, पिंजारो की मस्जिद, घांचियों की पिलानी, मैन मार्केंट, वीरमदेव चैक, गांधी चैक, सूरजपोल, हाॅस्पीटल चैराहा, हरिदेव जोशी सर्किल होते हुए पुनः अपने गंतव्य स्थान पर लौटी ।
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