नई दिल्ली।लश्कर-ए-तैयबा की PM मोदी पर हमला करने की साजिश 'गिरफ्तारी' के साथ नाकाम
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाओं को और कई हाई प्रोफाईल नेताओं को आतंकी हमलों के निशाने से बचाने के लिए इंटैलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के अधिकारियों को कट्टर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के उन 3 से 4 आतंकवादियों को पकड़ने के लिए एक संयुक्त अभियान के तहत बाहर ले जाया जा रहा है। जो सीमा पार करके जम्मू कश्मीर में घूसने में सफल रहे।एक उच्च अधिकारी ने इस की पुष्टि करते हुए बताया कि कम से कम 4 आतंकवादी पिछले महिने देश में घुसने में सफल हो गए। और वो उसके बाद से ही लगातार लश्कर कमांडर अबु दुजाना से रसद और बाकी की जानकारी के समर्थन के लिए सम्पर्क में रहे।
इस आॅपरेशन के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस से भी सहायता ली गई है। जिसमें एक जवाबी हमले में कम से कम दो आतंकवादियों को कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किया गया है।
आतंकवादियों ने रची थी दो साजिशेंआतंकवादियों की मंशा नरेन्द्र मोदी की सभा में भी पेरिस हमले जैसा हमला करना ही थी। जिसमें सभा वो आतंकी खुद को भारी भीड़ के बीच में बस से उड़ा देता। और अगर की सभा के घेरे में घुसने में कामयाब नही होता तो भीड़ को ग्रेनेड से अपना निशाना बनाता।
सूत्रों ने बताया कि अगर गुर्गे सभाओं में आतंक नही फैला सके तो उन्हे दिल्ली या जम्मू में ऐसा नुकसान करने आदेश दिए गए थे जिनका असर 'राजनीतिक और सांप्रदायिक' हो सके। दिल्ली पुलिस के द्वारा दर्ज की गई एफआएआर और इटरसेंप्टस पर आतंकियों द्वारा कई बार वीआईपी शब्द सुना गया था।
यह हमला एक दिखावे के तौर पर किया जाना था, ताकि लश्कर का नया सरगना देश में अपनी उपस्थिति को दर्ज करवा सके। मॉड्यूल और गुर्गों से मिली सूचना से प्रथम दृष्टया, भारत के खिलाफ आईएसआई-लश्कर की योजना का संकेत मिलता है, वहीं खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार अल-कायदा के भारतीय विंग के पर्दे के पीछे होने की संभावना से इनकार नहीं किया।
एक स्पेशल सेल ने लश्कर और उसके गुर्गे के खिलाफ एफआईआर 1 दिसम्बर को दर्ज की थी।
इस मामले के प्रथम जांच अधिकारी इंस्पेक्टर सतीश राणा ने कहा कि वो करीब शाम 6 बजे लोधी कॉलोनी में स्थित अपने आॅफिस में थे। तभी उन्हे एक भरोसेमंद सूत्र से सूचना मिली कि आतंकी संगठन दिल्ली और देश के अन्य क्षेत्रों पर हमला करने की योजना बना रहा है।एफआईआर के अनुसार "गुर्गे फियादीन और ग्रेनेड के जरिए हाई प्रोफाइल हस्तियों को निशाना बनाने की साजिश कर रहे हैं।"
सूत्रों ने बताया कि इसी आतंकी संगठन का एक और गुर्गे को 24 नवम्बर को आईबी और स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप की ओर से चलाए गए आॅपरेशन में गिरफ्तार किया गया था। गुर्गे की पहचान शाबिर अहमद मलिक के तौर पर की गई। यह गुर्गा 20 नवम्बर से जम्मू में था और किसी दक्षिण कश्मीर के भटिंडी में किसी अमीर अलम गुज्जर के घर में रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के समय उसके दो साथी और भी थे। हालांकि अभी तक भी उन गुर्गो की भूमिका के बारे में कुछ भी स्पष्ट नही हो सका है।
सूत्रों ने बताया कि इस दौरान इंस्पेक्टर संजय दत और गोविंद शर्मा के नेतृत्व में टीम्स को जम्मू कश्मीर चली गई। जेल में शाबिर और अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की। "शाबिर को रैक्की करने के लिए 47,000 रुपये दिए गए थे। उसके बाद उसको दिल्ली या किसी और शहर में मुम्बई जैसा हमला करने के आदेश दिए गए।
एक आॅफिसर ने बताया कि यहां तक की उधमपुर के जैसा भी एक हमला करने की योजना बनाई जा रही थी। गुर्गे की हिरासत को लेकर दिल्ली पुलिस और जम्मू कश्मीर की पुलिस के बीच कुछ मुद्दे थे, जिन पर हमेशा बहस ही हुई ।
कई प्रयासों के बाद भी स्पेशल सेल के अधिकारियों ने कोई और जानकारी देने से मना कर दिया। एक अधिकारी ने बताया कि आॅपरेशन अभी भी चल रहा है, जिसको ध्यान में रखते हुए और जानकारी साझा नही की जा सकती। जानते में अधिक जानकारी के लिए चल रहे ऑपरेशन के मद्देनजर अभी तक साझा नहीं किया जा सकता है।
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