रोहतक की 'निर्भया' को मिला इंसाफ, गैंगरेप करने वाले सात दोषियों को सजा-ए-मौत
फरवरी 2015 में रोहतक में नेपाली मूल की मंदबुद्धि लड़की के साथ अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म व हत्या का मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को अरेस्ट किया था। इसमें एक युवक ने केस की जांच के दौरान आत्महत्या कर ली थी, जबकि दूसरा युवक नाबालिग था। नाबालिग लड़के का केस जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में चल रहा है।
कोर्ट ने अपने फैसले से पहले क्या कहा?
जस्टिस सीमा सिंघल ने कहा- न्यायाधीश होने के साथ-साथ मैं एक इंसान हूं और इंसान होने से पहले मैं एक महिला हूं।
- लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ने के बाद मुझे पता चला कि मरने से पहले उसे कितनी यातनाएं दी गई हैं।
- एक महिला होने के नाते मैं उस मंदबुद्धि लड़की की चीखें सुन सकती हूं और दर्द को समझ सकती हूं जो इन दरिंदों ने उसे दिया है।
- आज का यह फैसला जुर्म करने वालों के लिए आजीवन सबक का काम करेगा। अगर आज मैं इस फैसले में ढील रखती हूं तो यह मृतका के साथ मृत्यु के बाद भी अन्याय से कम नहीं होगा।
- जिस तरह से इस घटना को अंजाम दिया गया है उसमें फांसी की सजा भी कम है। इस सजा से शायद समाज में इस तरह की घटनाओं की पुर्नावृति होने से बच सके।
क्या है मामला?
फरवरी 2015 को रोहतक में नेपाली मूल की एक मंदबुद्धि युवती अचानक घर से लापता हो गई। चार दिन बाद उसका शव बहुअकबरपुर गांव के खेतों से मिला। जिसे कुत्तों ने नोच रखा था।
- पोस्टमार्टम से खुलासा हुआ कि युवती के साथ न सिर्फ गैंगरेप किया गया बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे का सामान डालकर मार दिया गया।
- पोस्टमार्टम के दौरान मृतका के शरीर से पत्थर, लोहे के कील आदि भी मिले थे। पोस्टमॉर्टम करने वाले टीम ने बताया था कि पीड़िता के शरीर में 16 सेंटीमीटर एस्बेस्टस शीट मिली है।
- पुलिस ने जांच के दौरान निकटवर्ती गांव गद्दीखेड़ी निवासी सुनील, पदम, पवन, मनवीर, राजेश, सरवर तथा सुनील के अलावा एक नाबालिग व दिल्ली निवासी सोमवीर को नामजद किया था।
- घटना की जांच के चलते सोमवीर ने दिल्ली में जाकर आत्महत्या कर ली, जबकि नाबालिग का मामला जुवैनाइल कोर्ट में चल रहा है।
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