मुंबई.विवाहिता को खाने के लिए गोबर और पीने में दिया जाता था गौमूत्र
महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित साईंनगर में ससुरालवालों ने चरित्र पर संदेह के चलते 19 वर्षीय विवाहिता को 6 महीने से शौचालय में कैद करके रखा था। इतना ही नहीं उसे खाने के लिए गोबर और पीने के लिए गोमूत्र दिया जाता था।
मंगलवार देर रात पड़ोसियों की सहायता से पुलिस ने विवाहिता को कैद से आजाद कराया और इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। पुलिस ने सारिका के पति, सास और ननद के खिलाफ बुधवार सुबह मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
नहीं देते थे पेट भर खाना
मिली जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से परभणी की रहने वाली 19 वर्षीय सारिका बैजनाथ जाधव की आज से 6 महीने पहले साईंनगर के रहने वाले संजय अग्रवाल (28) से शादी हुई थी। संजय केटरिंग का काम करता है। सारिका के पिता का बचपन में ही निधन हो गया था, जिसके बाद उसकी मां ने ही उसे पाला था।
सारिका की शादी उसकी मौसी की मध्यस्थ से हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही ससुरालवालों ने उसे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। ससुरालवाले अक्सर उसे घर के शौचालय में घंटों बंद करके रखते थे। उससे घर के सारे काम करा लेने के बाद उसे पेट भर खाना भी नहीं देते थे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मारा छापा
फर्श और बर्तन एक बार धोने के बाद बार-बार वही काम करने के लिए विवश किया जाता था। इतना ही नहीं सारिका को भोजन के बजाय गोबर और प्यास लगने पर गोमूत्र पिलाया जाता था। मना करने पर उसके मुंह में जबर्दस्ती ठूंसा जाता था। सारिका पर होने वाले मानसिक और शारीरिक अत्याचार देखकर पड़ोसियों ने मामले की जानकारी सिडको पुलिस को दी।
पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अग्रवाल के मकान पर छापा मारा और सारिका को उनके चंगुल से छुड़ाया। पहले तो ससुराल वालों ने पुलिस को घर में घुसने से मना किया, लेकिन पुलिस ने जब अपने अंदाज में समझाया तो उनकी जुबान बंद हो गई।
इसके बाद पुलिस ने सारिका की मौसी को बुलाकर उसके साथ इलाज के लिए घाटी अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिए सारिका के पति संजय के अलावा सास, ननद और देवर को मंगलवार सुबह मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित साईंनगर में ससुरालवालों ने चरित्र पर संदेह के चलते 19 वर्षीय विवाहिता को 6 महीने से शौचालय में कैद करके रखा था। इतना ही नहीं उसे खाने के लिए गोबर और पीने के लिए गोमूत्र दिया जाता था।
मंगलवार देर रात पड़ोसियों की सहायता से पुलिस ने विवाहिता को कैद से आजाद कराया और इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। पुलिस ने सारिका के पति, सास और ननद के खिलाफ बुधवार सुबह मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
नहीं देते थे पेट भर खाना
मिली जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से परभणी की रहने वाली 19 वर्षीय सारिका बैजनाथ जाधव की आज से 6 महीने पहले साईंनगर के रहने वाले संजय अग्रवाल (28) से शादी हुई थी। संजय केटरिंग का काम करता है। सारिका के पिता का बचपन में ही निधन हो गया था, जिसके बाद उसकी मां ने ही उसे पाला था।
सारिका की शादी उसकी मौसी की मध्यस्थ से हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही ससुरालवालों ने उसे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। ससुरालवाले अक्सर उसे घर के शौचालय में घंटों बंद करके रखते थे। उससे घर के सारे काम करा लेने के बाद उसे पेट भर खाना भी नहीं देते थे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मारा छापा
फर्श और बर्तन एक बार धोने के बाद बार-बार वही काम करने के लिए विवश किया जाता था। इतना ही नहीं सारिका को भोजन के बजाय गोबर और प्यास लगने पर गोमूत्र पिलाया जाता था। मना करने पर उसके मुंह में जबर्दस्ती ठूंसा जाता था। सारिका पर होने वाले मानसिक और शारीरिक अत्याचार देखकर पड़ोसियों ने मामले की जानकारी सिडको पुलिस को दी।
पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अग्रवाल के मकान पर छापा मारा और सारिका को उनके चंगुल से छुड़ाया। पहले तो ससुराल वालों ने पुलिस को घर में घुसने से मना किया, लेकिन पुलिस ने जब अपने अंदाज में समझाया तो उनकी जुबान बंद हो गई।
इसके बाद पुलिस ने सारिका की मौसी को बुलाकर उसके साथ इलाज के लिए घाटी अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिए सारिका के पति संजय के अलावा सास, ननद और देवर को मंगलवार सुबह मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
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