जयपुर।डॉक्टर्स ने किया कमाल,सफल रहा दूसरा लीवर ट्रांसप्लांट
राजस्थान में नौ दिन पहले लीवर ट्रांसप्लांट का सफल आॅपरेशन किया गया था। अब डॉक्टर्स ने दूसरी बार फिर लीवर ट्रांसप्लांट का सफल आॅपरेशन किया है। ये आॅपरेशन जयपुर के एक निजी अस्पताल में हुआ। शहर के एक अंगदाता ने तीन मरीजों को अंगों का दान करके उन्हें नई जिंदगी दी है।
अंगदाता के परिजनों ने उसकी लीवर और दो किडनी का दान कर दिया। उसके दिल की बीमारी (इश्चेमिक डिजीज) होने के चलते हृदय नहीं लिया जा सका है। गौरतलब है कि प्रदेश का पहला लीवर ट्रांसप्लांट 28 नवंबर को हुआ था जो कि साढे दस घंटे तक चला।
मिली जानकारी के मुताबिक खातीपुरा निवासी ओमप्रकाश को तीन दिसंबर को ब्रेन हेमरेज के चलते सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उसे पांच दिसंबर को ब्रेन डेथ घोषित कर दिया।
उसके परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित करने के बाद परिजनों ने उस पर रजामंदी दे दी। शनिवार रात दस बजे डॉक्टरों ने मैचिंग की रिपोर्ट आने के बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कर दी। उसके लीवर व एक किडनी महात्मा गांधी अस्पताल में ट्रांसप्लांट किए गए और एक किडनी एसएमएस अस्पताल को दान कर दी गई जहां वह एक अन्य मरीज को लगाई गई है।
लीवर जयपुर के ही सुरेश (बदला हुआ नाम) के लगाया गया है। शनिवार रात दो बजे ट्रांसप्लांट शुरू हो गया था जो कि रविवार दोपहर दो बजे तक चला। ट्रांसप्लांट टीम में डॉ. गिरिराज बोरा, डॉ. क्रिस्टोफर बैरी, डॉ. विपिन गोयल और डॉ. सुरेश भार्गव थे। किडनी श्योपुर की रहने वाली मंजू जागिंड के लगाई गई है।
राजस्थान में नौ दिन पहले लीवर ट्रांसप्लांट का सफल आॅपरेशन किया गया था। अब डॉक्टर्स ने दूसरी बार फिर लीवर ट्रांसप्लांट का सफल आॅपरेशन किया है। ये आॅपरेशन जयपुर के एक निजी अस्पताल में हुआ। शहर के एक अंगदाता ने तीन मरीजों को अंगों का दान करके उन्हें नई जिंदगी दी है।
अंगदाता के परिजनों ने उसकी लीवर और दो किडनी का दान कर दिया। उसके दिल की बीमारी (इश्चेमिक डिजीज) होने के चलते हृदय नहीं लिया जा सका है। गौरतलब है कि प्रदेश का पहला लीवर ट्रांसप्लांट 28 नवंबर को हुआ था जो कि साढे दस घंटे तक चला।
मिली जानकारी के मुताबिक खातीपुरा निवासी ओमप्रकाश को तीन दिसंबर को ब्रेन हेमरेज के चलते सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उसे पांच दिसंबर को ब्रेन डेथ घोषित कर दिया।
उसके परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित करने के बाद परिजनों ने उस पर रजामंदी दे दी। शनिवार रात दस बजे डॉक्टरों ने मैचिंग की रिपोर्ट आने के बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कर दी। उसके लीवर व एक किडनी महात्मा गांधी अस्पताल में ट्रांसप्लांट किए गए और एक किडनी एसएमएस अस्पताल को दान कर दी गई जहां वह एक अन्य मरीज को लगाई गई है।
लीवर जयपुर के ही सुरेश (बदला हुआ नाम) के लगाया गया है। शनिवार रात दो बजे ट्रांसप्लांट शुरू हो गया था जो कि रविवार दोपहर दो बजे तक चला। ट्रांसप्लांट टीम में डॉ. गिरिराज बोरा, डॉ. क्रिस्टोफर बैरी, डॉ. विपिन गोयल और डॉ. सुरेश भार्गव थे। किडनी श्योपुर की रहने वाली मंजू जागिंड के लगाई गई है।
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