बाड़मेर, ग्रामीणांे की सहमति से बनेगी सड़कें, नियमित मोनेटरिंग के निर्देश
बाड़मेर, 01 दिसंबर। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत भूमि विवाद के कारण रूकी हुई सड़कांे का निर्माण ग्रामीणों की सहमति से होगा। बाड़मेर जिले के प्रभारी सचिव कुंजीलाल मीणा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान इस संबंध मंे उपखंड अधिकारियांे एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियांे को निर्देश दिए। प्रभारी सचिव ने मुख्यमंत्री के बाड़मेर प्रवास के दौरान दिए गए निर्देशांे की पालना सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से मोनेटरिंग करने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक के दौरान जिले के प्रभारी सचिव मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के बाड़मेर प्रवास के दौरान दिए गए निर्देशांे की पालना सुनिश्चित की जाए। इसमंे किसी तरह की कौताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रभारी सचिव ने विभागवार निर्देशांे की समीक्षा करते हुए अब तक की प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की वर्ष 2013-14 के 11 सड़कांे के कार्य भूमि विवाद के कारण रूके हुए है। इस पर प्रभारी सचिव मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इन सड़कांे का निर्माण ग्रामीणांे एवं जन प्रतिनिधियांे से समन्वय स्थापित करके करवाने के निर्देश दिए थे। उन्हांेने इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिए संबंधित उपखंड अधिकारियांे एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियांे को जन प्रतिनिधियांे तथा ग्रामीणांे से बातचीत के बाद आपसी सहमति से सड़क निर्माण करवाने के निर्देश दिए। उन्हांेने 4 करोड़ के सड़क निर्माण कार्याें को किसी भी स्थिति मंे निरस्त नहीं करने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि संबंधित अधिकारी एक सप्ताह के भीतर संबंधित गांव मंे पहुंचकर ग्रामीणांे से समझाइश करवाकर सड़क निर्माण के लिए जमीन सरेंडर करवाएं। प्रभारी सचिव ने सड़क निर्माण के कार्याें मंे वन विभाग से अनापति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के मामले मंे प्रभावी कार्यवाही करने को कहा। इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि पाटोदी-पचपदरा सड़क के पास मेगा हाइवे होने के कारण यह कार्य निरस्त कर दिया गया है। बैठक मंे समदड़ी मंे तहसील भवन निर्माण के लिए कृषि विश्व विद्यालय प्रशासन से संपर्क करके जमीन आवंटन संबंधित प्रक्रिया पूर्ण करवाने के निर्देश अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई को करवाने के निर्देश दिए गए। प्रभारी सचिव ने बैठक मंे सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से जिले मंे निर्माणाधीन सरकारी भवनांे के बारे मंे जानकारी लेेने के साथ उनको द्रुतगति से करवाने के निर्देश दिए। बाड़मेर तहसील भवन निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियांे को आगामी समीक्षा बैठक से पहले निर्णय करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला कलक्टर एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई ने मुख्यमंत्री के बाड़मेर प्रवास के दौरान दिए गए निर्देशांे की पालना मंे प्रशासन की ओर से की गई कार्यवाही से अवगत कराया।
प्रभारी सचिव स्तर तक होंगे प्रयास: प्रभारी सचिव कुंजीलाल मीणा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण को लेकर बेहद गंभीर नजर आए। उन्हांेने उपखंड अधिकारियांे को कहा कि वे जन प्रतिनिधियों का सहयोग लेकर इसके लिए प्रयास करें। उन्हांेने कहा कि अगर इसके उपरांत भी कोई परिणाम नहीं निकलता है तो जिला कलक्टर और प्रभारी सचिव भी ग्रामीणांे से बातचीत कर सड़क निर्माण करवाने के प्रयास करेंगे। उन्हांेने जमीन संबंधित मामलांे का 5 जनवरी तक निस्तारण करने के निर्देश दिए।
गौरव पथ की गुणवत्ता की जांच करें: समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी सचिव मीणा ने राज्य सरकार के निर्देशानुसार बाड़मेर जिले मंे निर्मित गौरव पथ की गुणवत्ता की जांच करवाने के उपखंड अधिकारियांे को दिइ। अनुपयोगी सामग्री का निस्तारण करने के निर्देश: प्रभारी सचिव मीणा ने समीक्षा बैठक के दौरान समस्त विभागीय अधिकारियांे को अनुपयोगी सामग्री एवं मशीनरी का निस्तारण करने के निर्देश दिए। इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियांे ने बताया कि अनुपयोगी सामान की सूची बनाई जा रही है। आगामी एक माह मंे निर्धारित प्रक्रिया के तहत इसका निस्तारण कर दिया जाएगा।
मेगा हाइवे की मरम्मत करवाएं: मेगा स्टेट हाइवे जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी सचिव मीणा ने रिडकोर के अधिकारियांे को इसकी मरम्मत करवाने के लिए पत्र लिखने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि आगामी बैठक मंे रिडकोर के अधिकारी को उपस्थित होने के निर्देशित किया जाए।
पानी के टैंकरांे पर होगा विशेष रंग: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाड़मेर प्रवास के दौरान दिए गए निर्देशांे की पालना मंे जलदाय विभाग के टैंकरांे की अलग पहचान सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रकार का रंग करवाने के निर्देश दिए। ताकि पेयजल परिवहन करने वाले टैंकरांे मंे से सरकारी टैंकरांे की पहचान सुनिश्चित की जा सके।
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