सोमवार, 2 नवंबर 2015

रिश्वत लेने का आरोपी बैंक मैनेजर दोषमुक्त

रिश्वत लेने का आरोपी बैंक मैनेजर दोषमुक्त


श्रीगंगानगर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अनुसंधान की खामियों से रिश्वत लेने के आरोपी बैंक मैनेजर को अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। विशिष्ट न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रकरण) ने सुनाया। बचाव पक्ष के वकील खुर्शीद आलम खान ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले के मुंडा गांव निवासी बग्गड़ सिंह ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की हनुमानगढ़ चौकी में 29 सितम्बर 2005 को शिकायत की थी। इसमें आरोप लगाया कि उसके गांव मुंडा स्थित दी गंगानगर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा पुत्र रामदीन शर्मा ने कृषि भूमि पर क्रेडिट कार्ड योजना में लिमिट बढ़ाने के एवज में डेढ़ हजार रुपए की रिश्वत मांगी। इस शिकायत का सत्यापन कराने का दावा करते हुए एसीबी ने 1 अक्टूबर 2005 को दबिश देकर एक हजार रुपए की रिश्वत राशि जब्त की और शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार किया। अदालत में जांच अधिकारी तेजपाल सिंह ने स्वीकारा कि इस प्रकरण में लिमिट बढ़ाने के संबंध में ट्रेप से पहले हुई फोन पर लेनदेन की वार्ता की रिकॉडिंग नहीं की। इसके अलावा वहां स्वतंत्र गवाहों के बयान नहीं लिए। बचाव पक्ष का कहना था कि दस रुपए की नई गड्डी के लिए परिवादी ने एक हजार रुपए की राशि बैंक मैनेजर को उपलब्ध कराई थी लेकिन एसीबी ने इस पहलू की अनदेखी कर दी। अदालत ने एसीबी की खामियों के कारण मैनेजर को संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बरी कर दिया। यहां एसीबी प्रकरणों की इस विशेष अदालत खुलने के बाद यह पहला प्रकरण निर्णित हुआ है।

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