जैसलमेर 100.8 मेगावाट का विंड्स एनर्जी पार्क स्थापित
सुजलोन ने गत वर्षो में 2.1 मेगावाट के संयंत्र की शुरूआत की। इसका पहला संयंत्र भी जैसलमेर में ही लगाया गया था। अब सुजलोन 2.1 मेगावाट के संयंत्रों का ही प्रोडक्शन कर रहा है जो काफी हद तक सफल भी रहे हैं। तेजुआ में सीएलपी इंडिया के लिए 2.1 मेगावाट के 48 पंखे लगाए गए हैं। जिससे करीब 100.8 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
जैसलमेर में देश का सबसे बड़ा विंड एनर्जी पार्क बन चुका है। जैसलमेर में 1998 से पवन ऊर्जा संयंत्र लगने शुरू हुए थे। पिछले 17 सालों से लगातार यहां पवन ऊर्जा संयंत्र लग रहे हैं। पिछले कुछ सालों में इसमें गिरावट भी आई थी जिसकी वजह स्थानीय समस्याएं थी। ग्रामीणों द्वारा कंपनियों के साथ अच्छा व्यवहार न करना, संयंत्रों में चोरी की घटनाएं बढ़ना आदि। इस बीच सुजलाोन ने तेजुआ में बड़े प्रोजेक्ट की भी स्थापना की है।
जैसलमेर जिले में पवन ऊर्जा संयंत्रों से करीब 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। जिसमें से करीब 1200 मेगावाट सुजलोन ग्रुप द्वारा उत्पादन किया जा रहा है। यहां लगे पवन ऊर्जा संयंत्रों की संख्या 2500 से अधिक है। आगामी दिनों में विभिन्न विंड कंपनियों के 1 हजार मेगावाट के संयंत्र लगाए जाने प्रस्तावित हैं।
सुजलोन ग्रुप के चीफ सेल्स आॅफीसर ईष्वर मंगल ने बताया कि तेजुआ प्रोजेक्ट सफलता से कमीश्नड कर दिया गया है। हमें सीएलपी इंडिया से जुड़ने पर गर्व है। हम कस्टमर्स को चुनौतीपूर्ण साइटों पर अग्रणी अनुभव के साथ बेहतर तकनीक उपलब्ध करवाते हैं।
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