रविवार, 27 सितंबर 2015

पर्यटन दिवस पर वसुंधरा ने लिखा- सत्कार की अनूठी परंपरा निभा रहा है राजस्थान

पर्यटन दिवस पर वसुंधरा ने लिखा- सत्कार की अनूठी परंपरा निभा रहा है राजस्थानपर्यटन दिवस पर वसुंधरा ने लिखा- सत्कार की अनूठी परंपरा निभा रहा है राजस्थान


शौर्य और साहस की अनगिनत गौरव गाथाएं समेटे महल, कल-कल करती झीलें, प्रकृति प्रेमियों और वन्य जीवन में रूचि रखने वालों के लिए राष्ट्रीय उद्यान अभयारण्य और त्योहारों का अलग स्वरूप ये सब एक जगह मिलते हैं और वो है राजस्थान। देश में पर्यटन की बात राजस्थान के बिना संभव ही नहीं है। यहां का स्वागत-सत्कार ताउम्र भूल नहीं पाते हैं पर्यटक।

अब तक इसे राजाओं की धरती ही माना जाता रहा है लेकिन यहां इससे भी बहुत ज्यादा है अनुभव करने के लिए। यात्रा को यादगार बनाने के लिए। यहां की रंगारंग संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजन इसे अलग पहचान देते हैं। स्थानीय लोगों के बीच संगीत और नृत्य अभ्यास भी बहुत ही जीवंत और आकर्षक हैं, इन बातों के अलावा ये जगह अपने लाजवाब आर्टवर्क के लिए भी जानी जाती है। यहां की पारंपरिक कलात्मक पोशाकें, जिसमें शीशे के काम देखा जा सकता है। कला प्रेमियों के लिए राजस्थान स्वर्ग से कम नहीं है। यहां के महल, हवेली, किले उम्दा वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। त्योहारों का भी रंग यहां अलग दिखाई देता है। यहां होली, तीज, दीपावली, संक्रांति और जन्माष्टमी का विशेष महत्व है इसके अलावा, वर्ष में एक बार मनाया जाने वाला, ऊंट और पशु मेला भी राज्य के प्रमुख उत्सव हैं।

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, सरिस्का टाइगर रिजर्व, दरा वन्य प्राणी अभयारण्य और कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों और वन्य जीवन में रुचि रखने वाले लोगों के लिए तोहफे के समान हैं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर जैसे खूबसूरत शहरों की भव्यता देखते ही बनती हैं। इसके अलावा यहाँ बांसवाड़ा, कोटा, भरतपुर, बूंदी, विराट नगर, सरिस्का और शेखावाटी जैसे भी दर्शनीय स्थल हैं जो राजस्थान की असली खुशबू को समेटे हुए हैं। झीलों की नगरी उदयपुर की सुंदरता देखती ही बनती हैं वहीं झुलसती गर्मी में प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू यादगार अनुभव देता है। वहीं परमाणु परीक्षण झेलने वाली शक्तिशाली धरती पोकरण भी यहीं मौजूद है। लेटिन दार्शनिक और बिशप सेंट ऑगस्टाइन ने कहा था कि " ये दुनिया एक किताब है और जो लोग यात्रा नहीं करते उन्होंने अपने जीवन में केवल एक ही पेज पढ़ा है। राजस्थान उसी किताब का खास हिस्सा है।

-वसुंधरा राजे, मुख्यमंत्री, राजस्थान

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