जैसलमेर लौंगेवाला युद्ध स्मारक का उद्घाटन
जैसलमेर युद्ध संग्रहालय को जैसलमेर सैन्य क्षेत्र में स्थापित किया गया है। भारतीय सेना के पारम्परिक वीरत्व की प्रकाष्ठा को प्रदर्षित करता यह संग्रहालय वीर सैनिकों की षहादत का एक स्मरणीय प्रतीक है। बेहद करीने से सजाएं गए इस संग्रहालय का उद्घाटन एक सादे तथा सौम्य समारोह में दक्षिण कमान के जी.ओ.सी. ले. जनरल अषोक सिंह, के कर कमलोें द्वारा किया गया। बड़ी संख्या में सैन्य अधिकारियों तथा गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवमयी बना दिया। यह युद्व संग्रहालय जैसलमेर-जोधपुर राजमार्ग पर जैसलमेर से 10 कि.मी. पूर्व अवस्थित है। 1965 युद्व के स्वर्ण जयंती वर्ष में इस युद्व संग्रहालय का उद्घाटन 1965 की जंग के बहादुर तथा वीर योद्धाओं को सच्ची श्रद्धांजलि है।
देष के पष्चिमी मोर्चे पर अपने प्रकार का यह अनूठाॅं संग्रहालय भारतीय सेना के उत्थान तथा अन्यान्य राष्ट्रहित के कार्यों में सेना के अनुकरणीय योगदान को समेटे हुए है। बड़ी संख्या में जैसलमेर आने वाले पर्यटकों के लिए यह युद्ध संग्रहालय एक लोकप्रिय दर्षनीय स्थल प्रतीत होगा।
अपने मध्यस्थल में 15 फिट ऊॅंचे स्तम्भ पर गर्व से लहराते तिरंगे से आगाज करते हुए यह संग्रहालय दो विषाल प्रदर्षन कक्षों तथा एक दृष्य-श्रव्य कक्ष से सुसज्जित होने के साथ-साथ एक षाॅप तथा जलपान गृह की सुविधा भी प्रदान करता है। युद्ध में जप्तषुदा हथियारों, टैंकों एवं सैन्य वाहनों की एक विस्तृत श्रंखला यहाॅं प्रदर्षित हैं। जैसलमेर से संचालित किए गए लोंगेवाला आपरेषन में प्रयुक्त हंटर विमान को संग्राहलय में प्रदर्षित कर वायुसेना ने भी यहाॅं अपनी दस्तक दी है। सभी आगंतुकों के लिए संग्रहालय में प्रवेष निःषुल्क हैं।
जेसलमेर से केवल 2 घंटे की दूरी पर स्थित लौंगेवाला युद्ध के वीरों को समर्पित संग्रहालय का 24 अगस्त 2015 को दक्षिण कमान के जी.ओ.सी. ले.जनरल अषोक सिेह, ने
अनावरण किया। इस अवसर पर उनके साथ बैटल एक्स डिवीजन के जी.ओ.सी. भी मौजुद थें। उच्च नैतिक मुल्यों से ओत-प्रोत भारतीय सैनिकों की चित्रावली जिनका देष के प्रति समर्पण तथा बलिदान भाव ही इस लौंगेवाला विजय की आधारषीला बना एवं युद्ध में अनेकों पाकिस्तानी टैंकों को ध्वस्त करनें वाली 106 एम.एम. रिकाइलेस गन जो कि मुख्य टैंकरोधी हभियार था, को भी इस संग्रहालय में गौरवपूर्ण तरीके से स्थापित किया गया हैं। लौंगेवाला युद्ध की सजीव प्रस्तुती को चलचित्र के माध्यम से प्रदर्षित करनें हेतु संग्रहालय में एक सिनेमाहाल भी हैं जो इस प्रस्तुती में मेजर कुलदीन सिंह चाँदपुरी के लोमहर्षक युद्ध विष्लेषणों को सम्मिलित कर प्रस्तुतीकरण को एक विहंगम दृष्यावली प्रदान करता हैं।
ये दोनों स्मारक कोनार्क कोर की उच्च स्तर पर की गई परिकल्पना हैं तथा बैटल एक्स डिवीजन और डेजर्ट चार्जर ब्रिगेड द्वारा इसे साकार किया गया है।
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