जयपुर।राजस्थान ऊर्जा विकास निगम का गठन, 5 करोड़ लोगों के बनेंगे हेल्थ कार्ड
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। प्रमुख तौर पर जिन प्रस्तावों पर कैबिनेट ने मुहर लगाईं है उनमे बिजली क्रय-विक्रय के लिए ऊर्जा निगम का गठन, आरोग्य राजस्थान अभियान शुरू करने और सेवा नियमों में संशोधन करने सहित कई प्रस्ताव शामिल रहे।
बिजली क्रय-विक्रय के लिए ऊर्जा निगम का गठन
सरकार ने राज्य में आवश्यकता के अनुरूप लघु, मध्यम और दीर्घकालीन आधार पर सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्धत कराने की दिशा में राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड का गठन करने का महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है।
नई कम्पनी के गठन का मुख्य उद्देश्य विद्युत के शॉर्ट और लॉन्ग टर्म क्रय संबंधी कार्य के साथ ही वितरण निगमों के नियामक संबंधी कार्य, विद्युत उत्पादन, प्रसारण और वितरण निगमों में समन्वय स्थापित करना है।
प्रस्तावित कम्पनी की स्थापना 5 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ राजस्थान सरकार द्वारा की जायेगी। ये कम्पनी पूर्णत:सरकारी होगी। इस कम्पनी की अंश पूंजी 500 करोड़ रुपये होगी जो 100 रुपये प्रति शेयर की दर से एकत्रित की जायेगी।
प्रदेश की पांचों विद्युत कम्पनियों की होल्डिंग नई कम्पनी के पास होगी। पांचों विद्युत कम्पनियों के प्रबंध निदेशक इस कम्पनी के डायरेक्टर होंगे और विद्युत विभाग के प्रमुख शासन सचिव इसके चेयरमैन होंगे।
आरोग्य राजस्थान अभियान दिसम्बर से
कैबिनेट ने इस साल के दिसम्बर से मार्च, 2016 तक आरोग्य राजस्थान अभियान चलाये जाने का निर्णय लिया है।
इस अभियान से पहले 15 सितम्बर से 31 अक्टूबर तक 48 हजार आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर एक करोड़ परिवारों के करीब 5 करोड़ सदस्यों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी निर्धारित प्रपत्र में तैयार करेंगे। जिनका ई-मित्र के माध्यम से ऑन लाइन डाटा बेस तैयार होगा।
प्रदेश में 2 अक्टूबर से शुरू होने वाली अभिनव स्वास्थ्य बीमा योजना में इस डाटा बेस का उपयोग किया जायेगा।
अभियान के अन्तर्गत दिसम्बर माह से ग्राम पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किये जायेंगे। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का हैल्थ कार्ड तैयार किया जायेगा। जांच में सामने आने वाली बीमारियों के उपचार की पुख्ता व्यवस्था की जायेगी।
विधानसभा सत्र सितम्बर के दूसरे सप्ताह में
कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि राजस्थान विधानसभा का आगामी सत्र सितम्बर माह के दूसरे सप्ताह में आहूत किया जायेगा। जिसमें बजट सत्र के बाद जारी अध्यादेशों को कानूनीजामा पहनाया जायेगा। सत्र करीब एक सप्ताह चलेगा।
सेवा नियमों में संशोधन
कैबिनेट बैठक में राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकीय सेवा नियम-1999, राजस्थान सचिवालय लिपिक वर्गीय सेवा नियम-1970 और राजस्थान लोक सेवा आयोग लिपिक वर्गीय तथा अधीनस्थ सेवा नियम-1999 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया।
इस संशोधन से समान पद के लिए संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से विभिन्न कैडर्स में भर्ती हुए अभ्यर्थियों को सेवा के दौरान यदि कैडर परिवर्तन कर अन्य कैडर आवंटित किया जाता है तो पूर्व की परिवीक्षा अवधि नये कैडर में भी गणना योग्य होगी।
बैठक में राजस्थान ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियम-2013 की अनुसूची-।। में सहायक सचिव, जिला परिषद के साथ ही सहायक सचिव, पंचायत समिति का उल्लेख भी करने का निर्णय लिया गया। इससे सहायक सचिव, पंचायत समिति के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जा सकेंगे।
अलवर में मिनी सचिवालय भवन पूर्ण होगा
वहीं, अलवर में अपूर्ण मिनी सचिवालय भवन का कार्य पूरा करवाने का निर्णय लिया गया है। 85 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन के लिए पुराना स्लाटर हाउस, सिंचाई भवन, जिला प्रमुख का आवास एवं ग्राम बरखेड़ा के खसरा नं. 551 व 552 परिसम्पत्तियों का विक्रय कर राशि एकत्रित की जायेगी।
विशेष पेंशनरी अवार्ड
कैबिनेट ने राजस्थान सिविल सेवा नियमों के तहत देय विशेष पेंशनरी अवार्ड के लिए पुलिस, आरएसी और आबकारी विभाग की निवारक शाखा के साथ अब कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए नियुक्त कार्यकारी मजिस्ट्रेट, खान, परिवहन और वन विभाग की रोकथाम एवं प्रवर्तन शाखा के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को भी शामिल किया है। इन नियमों में वर्णित परिस्थितियों में मृत्यु होने पर उनकी विधवा या विधुर को विशेष पेंशनरी अवार्ड देय होगा।
वन सेवा नियम-2015 बनाने का निर्णय
कैबिनेट में राजस्थान वन सेवा नियम-2015 बनाने का निर्णय लिया गया है। पूर्व में राजस्थान वन सेवा अधिनियम-1963 के अनुसार वन सेवा में अधीनस्थ कार्मिकों की सेवा का नियमन होता था।
नये नियमों के तहत भर्ती में कम्प्यूटर, इलेक्ट्रोनिक्स तथा इलेक्ट्रीकल्स, पर्यावरण, उद्यानिकी एवं पशु विज्ञान जैसे विषय सम्मिलित किये गये हैं। साथ ही वनपाल से क्षेत्रीय वन अधिकारी ग्रेड-द्वितीय के पद के लिये पदोन्नति अनुभव को 10 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष किया गया है।
इसी प्रकार सहायक वनपाल के पद से वनपाल के पद पर पदोन्नति के लिये अनुभव 5 वर्ष के स्थान पर 2 वर्ष किया गया है। उन्होंने बताया कि नियमों के अंतर्गत महिला अभ्यर्थियों को भर्ती में शारीरिक मापदण्डों में शिथिलता दी गई है।
संत मावजी महाराज उ.मा.विद्यालय
कैबिनेट ने 18वीं सदी के महान संत मावजी महाराज की स्मृति को चिरस्थाई बनाये रखने के लिए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, साबला (डूंगरपुर) का नामकरण संत मावजी महाराज के नाम पर करने का निर्णय लिया है।
रूल्स ऑफ बिजनेस में परिवर्तन
भारत के संविधान के अनुच्छेद 166 के अधीन रूल्स ऑफ बिजनेस में परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत ग्रुप-1 में रीको, आरएफसी, बीआईपी एवं राजस्थान फाउण्डेशन के कार्य किये जायेंगे।
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