जैसलमेर ख़ास खबर विकलांगो का मशीहा राणी जी जोशी
आज फोटोग्राफी दिवस 19 अगस्त
जैसलमेर आजे के युग में भाई-भाई का न रहा। पैसे के पीछे मानव ऐसे दौड़ रहा है, जैसे पैसा ही सब कुछ हैं। पैसे के लिए लोग रिश्ते तक ताक पर रखकर बेईमानी तक करना नहीं भूलते। छल-कपट, चोरी-डकैती व येन-केन प्रकार से पैसे कमाना ही उनका मकसद रह गया है। ऐसे में भला गरीब, लाचार व भिखारियों की तरफ वे क्यों देखें। मगर कहावत है कि मक्खन अभी तक डूबा नहीं है। इस आपाधापी और पैसा कमाने के युग में भी ऐसे मानवीय चेहरे कभी-कभार नजर आ जाते हैं जिनका धर्म पीड़ित मानव की सेवा करना होता है। कहावत भी है कि मानव सेवा से बढ़कर और कोई बड़ी सेवा नहीं होती। पीड़ित मानव की सेवा करने वालों का जिक्र जब भी आएगा तो जैसलमेर के राणीदान जोशी का जिक्र जरूर आएगा। राणजी जोशी के नाम से मशहूर जैसलमेर शहर के इस फ रिश्ते का अमरसागर प्रोल के बाहर शिवआर्ट फ ोटो स्टूडियो है। राणजी इस स्टूडियो के मालिक हैं व अपने छोटे भाई भंवरलाल जोशी के साथ फ ोटोग्राफ ी करते हैं। जब से इन्होंने यह स्टूडियो खोला है तब से वे विकलांग लोगों व गरीब लोगों को स्वेच्छा से निरूशुल्क फ ोटो उपलब्ध करा कर पुण्य का कार्य कर रहे हैं। राणजी के इस कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए कम हैं। राणजी जोशी जैसलमेर नगर में पहला फ ोटो स्टूडियो लगाने वाले स्व. शंकर जोशी के पौत्र व रमेशचंद्र जोशी के पुत्र हैं। इनके पिताश्री बहुत भले आदमी हैं। वे शिक्षा क्षेत्र में सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद भी अध्यापन कार्य से आज भी जुडे है। आपने परिवार के अच्छे संस्कारों की उसी का ही परिणाम है कि आज शिव आर्ट स्टूडियो विकलांगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग, समाज कल्याण विभाग, परिवहन विभाग के साथ ही अन्य कई सरकारी विभागों द्वारा जैसलमेेर में आयोजित किए जाने वाले विकलांगता प्रमाण पत्र शिविरों के आयोजनों में श्री जोशी हजारों विकलांगों को निरूशुल्क फ ोटो खींचकर उपलब्ध कराते रहे हैं और अब भी कर रहे हैं। इसके साथ ही वे अपने शिवआर्ट स्टूडियो में आने वाले निशक्तजनों के फ ोटो भी निरूशुल्क खिंचते हैं। श्री जोशी एक-एक कैम्प में छह हजार रूपये फ ोटो का लगता है। एक दिन में इतनी सेवा करके भी वे निरंतर प्रयासरत रहते हैं कि विकलांग लोगों की सेवा करते रहें। जोशी के इस कार्य से प्रभावित होकर जैसलमेर जिला प्रशासन ने १५ अगस्त २००६ को प्रशंसा पत्र तत्कालीन पर्यट्न राज्य मंत्री उषा पुनिया के कर कमलों से दिलाकर सम्मानित किया। वहीं जैसलमेर स्थापना दिवस पर भी १७ अगस्त,२००५ को राजस्थान की राज्यपाल श्री मति प्रतिभा पाटिल के हाथों सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। जोशी को पूर्व में भी राजस्थान स्थापना दिवस पर सर्वश्रेष्ठ फ ोटोग्राफ ी करने के लिहाल से तत्कालीन जिला कलक्टर सुंधाशु पंत ने नकद राशि, प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया था। जोशी की निस्वार्थभाव से की जाने वाली इस सेवा के बदले उन्हें पदम श्री या पदम विभुषण देकर सरकार को सम्मानित करना चाहिए। धन्य है राणजी, इन्हें ईश्वर सुखी रखें।
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