IFS अफसर संजीव चतुर्वेदी, NGO गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता को रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड
भ्रष्टाचार के मामलों के खुलासों के लिए हमेशा चर्चा में रहे आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और अंशु गुप्ता को इस साल के रैमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित करने का फैसला किया गया है. संजीव चतुर्वेदी को यह पुरस्कार सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए दिया गया है.
चतुर्वेदी दूसरे सर्विंग ब्यूरोक्रेट
संजीव चतुर्वेदी देश के दूसरे सर्विंग ब्यूरोक्रेट हैं जिन्हें ये पुरस्कार दिया गया है. इससे पहले किरण बेदी को भी सेवा में रहते ये प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था. 2002 बैच के वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी एम्स में कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं और पिछले साल जब उन्हें एम्स के सीवीओ पद से हटाया गया तो बड़ा विवाद हुआ था. चतुर्वेदी मूलत: हरियाणा कैडर के अफसर हैं. वहां भी उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था.
गूंज का फोकस गरीबों की जरूरतों पर
अंशु गुप्ता एनजीओ गूंज के संस्थापक हैं. उन्हें भी रैमन मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान किया गया है. यह संस्था गरीबों की ज़रूरतें पूरी करती है. एनजीओ 'गूंज' का काम है शहरों में अनुपयोगी समझे गए सामानों को गांवों में सदुपयोग के लिए पहुंचाना. देश के 21 राज्यों में गू्ंज संस्था के संग्रहण केंद्र काम कर रहे हैं.
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