शिव आराधना का महीना श्रावण तिथियों की घट-बढ़ के चलते इस बार 29 दिन का ही होगा। 20 साल बाद 29 दिन के श्रावण माह का संयोग बन रहा है। एक ओर जहां कृष्ण पक्ष में चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में चतुर्दशी का क्षय होगा, वहीं शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि दो होंगी।
श्रावण में चार सोमवार एवं दो प्रदोष व्रत होंगे, जो शिव भक्तों के लिए बहुत शुभकारी रहेंगे। शिव आराधना के लिए विशेष फलदायी पवित्र सावन माह 1 अगस्त से शुरू होगा। पूरे माह श्रद्धालु शिव आराधना में लीन रहेंगे। इस बार सावन की शुुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग के शुभ संयोग में हो रही है, इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है।
मंदिरों में होगी विशेष पूजा
भगवान भोलेनाथ की साधना और आराधना के लिए यह माह काफी शुभ माना गया है। शहर के शिवालयों में सावन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। एक माह तक श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ की आराधना करेंगे। पंडित राममोहन शास्त्री ने बताया कि सावन में जल, दूध, पंचामृत, इक्षु रस से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करना और बेलपत्र, धतूरा, चंदन अर्पित करना विशेष फलदायी होगा।
अकाल मृत्युहरण एवं सर्व दोष निवारण के लिए शिवभक्तों को हरिद्वार, सोरोशुकर, पुष्कर, गलता आदि क्षेत्र से कावड़ लेकर शिव का अभिषेक करना चाहिए। शहर के ताड़केश्वर, प्रतापेश्वर, झारखंड, रामेेश्वर, जगतेश्वर मंदिर सहित अनेक स्थानों पर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा और पूजा-अर्चना होगी।
पंडित सुरेश शास्त्री ने बताया कि शिव की आराधना के लिए सावन का विशेष महत्व है। इस बार सावन की शुरुआत स्वार्थसिद्धि योग से होने से यह शिवभक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाला रहेगा। इस बार सावन माह में वर्षा का भी अच्छा योग बन रहा है।
लगेगी त्योहारों की झड़ी
इस महीने में तीज-त्योहार की झड़ी लगेगी। पुरुषोत्तम मास में विष्णु आराधना के बाद अब शिव आराधना का सावन 1 से 29 अगस्त तक होगा। इस दौरान शिव आराधना के विशेष 4 सावन सोमवार क्रमशः 3, 10, 17 और 24 अगस्त को होंगे।
19 अगस्त को नागपंचमी, 10 को कामिका एकादशी, 12 को सावन शिवरात्रि, 13 को गुरु पुष्य नक्षत्र, 14 को हरियाली अमावस्या, 18 को विनायक चुतर्थी, 28 को ओणम तथा 29 अगस्त को रक्षाबंधन और श्रावणी उपाकर्म होगा।
श्रावण में चार सोमवार एवं दो प्रदोष व्रत होंगे, जो शिव भक्तों के लिए बहुत शुभकारी रहेंगे। शिव आराधना के लिए विशेष फलदायी पवित्र सावन माह 1 अगस्त से शुरू होगा। पूरे माह श्रद्धालु शिव आराधना में लीन रहेंगे। इस बार सावन की शुुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग के शुभ संयोग में हो रही है, इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है।
मंदिरों में होगी विशेष पूजा
भगवान भोलेनाथ की साधना और आराधना के लिए यह माह काफी शुभ माना गया है। शहर के शिवालयों में सावन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। एक माह तक श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ की आराधना करेंगे। पंडित राममोहन शास्त्री ने बताया कि सावन में जल, दूध, पंचामृत, इक्षु रस से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करना और बेलपत्र, धतूरा, चंदन अर्पित करना विशेष फलदायी होगा।
अकाल मृत्युहरण एवं सर्व दोष निवारण के लिए शिवभक्तों को हरिद्वार, सोरोशुकर, पुष्कर, गलता आदि क्षेत्र से कावड़ लेकर शिव का अभिषेक करना चाहिए। शहर के ताड़केश्वर, प्रतापेश्वर, झारखंड, रामेेश्वर, जगतेश्वर मंदिर सहित अनेक स्थानों पर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा और पूजा-अर्चना होगी।
पंडित सुरेश शास्त्री ने बताया कि शिव की आराधना के लिए सावन का विशेष महत्व है। इस बार सावन की शुरुआत स्वार्थसिद्धि योग से होने से यह शिवभक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाला रहेगा। इस बार सावन माह में वर्षा का भी अच्छा योग बन रहा है।
लगेगी त्योहारों की झड़ी
इस महीने में तीज-त्योहार की झड़ी लगेगी। पुरुषोत्तम मास में विष्णु आराधना के बाद अब शिव आराधना का सावन 1 से 29 अगस्त तक होगा। इस दौरान शिव आराधना के विशेष 4 सावन सोमवार क्रमशः 3, 10, 17 और 24 अगस्त को होंगे।
19 अगस्त को नागपंचमी, 10 को कामिका एकादशी, 12 को सावन शिवरात्रि, 13 को गुरु पुष्य नक्षत्र, 14 को हरियाली अमावस्या, 18 को विनायक चुतर्थी, 28 को ओणम तथा 29 अगस्त को रक्षाबंधन और श्रावणी उपाकर्म होगा।
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