सोमवार, 15 जून 2015

जैसलमेर। पेयजल अव्यवस्था बनी आमजन के लिए परेशानी का सबब

 जैसलमेर। पेयजल अव्यवस्था बनी आमजन के लिए परेशानी का सबब


जैसलमेर। जिला मुख्यालय की पेयजल व्यवस्था जलदाय विभाग से नगरपरिषद को सौंपने से व्यवस्था सुधरने के बजाय चौपट हो गई है। जिससे लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में शहर की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हालत यह है कि शहर के कई मोहल्लों में पानी की एक-एक बूंद के लिए हाय तौबा मची है।

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स्वर्ण नगरी की जलापूर्ति भगवान भरोसे है। गत राज्य सकार ने करीब दो वर्ष पूर्व शहर की जलापूर्ति नगरपरिषद के हवाले करने का निर्णय लिया था। जैसलमेर में भी यह लागू हुआ और शहर की जल सप्लाई व्यवस्था नगरपरिषद को हैंडआॅवर भी कर दी गई। पिछले कई दिन से शहर के दर्जनों मोहल्लों में सुचारू पानी सप्लाई नहीं होने से उपभोक्ताओं में नगरपरिषद के प्रति रोष व्याप्त है।



शहर में पानी सप्लाई व्यवस्था को पीएचईडी के बजाय नगरपरिषद के जिम्मे करने के फैसले पर एक साल बाद भी दोनों विभागों में तालमेल नहीं हो पाया है। नगर परिषद जल वितरण व्यवस्था से कतराता नजर आ रहा है।



जैसलमेर जिले मे लंबे समय से बनी हुई पानी की समस्या से यहां के बाशिंदो को अभी तक राहत नहीं मिल पाई है। जलदाय विभाग और नगर परिषद के दावों के विपरित आमजन पानी को लेकर परेशान हैं।



जैसलमेर नगर के अधिकतर मोहल्लों व कॉलोनियों में पेयजल आपूर्ति समस्या बनी हुई है। लोगों को मंहगेें दामों में पानी खरीदना पड़ रहा है। नगरपरिषद स्टाफ की कमी के चलते इस मामले में कुछ नहीं कर रही है और मजबूरन जलदाय विभाग को ही जलापूर्ति व्यवस्था संभालनी पड़ी। काफी समय बीत जाने के बाद भी नगरपरिषद ने यह काम संभाला तो अब जलदाय विभाग भी सही कार्य नहीं कर रहा है। दोनों विभागों के तालमेल के बिना पूर्ण रूप सुचारू कार्य नहीं हो रहा है जिससे पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं हो रही है जिसका खमियाजा लोग भुगत रहे है।

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