मंगलवार, 16 जून 2015

अब जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में बंटेगा आंगनबाडियों में पोषाहार

अब जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में बंटेगा आंगनबाडियों में पोषाहार


— पोषाहार वितरण में गडबडियां रोकने की कवायद
— सरपंच, वार्ड पंच, पार्षद की मौजूदगी में ही बंटेगा पोषाहार
— महिला बाल विकास मंत्री ने जारी किए निर्देश
— प्रदेश में 61 हजार आंगनबाडियां हैं
— हर आंगनबाडी पर बच्चों को सप्ताह भर के लिए दिया जाता है पोषाहार



जयपुर। प्रदेश भर की आंगनबाडियों में पोषाहार अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही बांटने की अनिवार्यता लागू की गई है। आंगनबाडियों में पोषाहर बांटते वक्त स्थानीय सरपंच, वार्ड पंच या पार्षद सहित कोई भी जनप्रतिनिधि मौजूद होना जरूरी होगा। महिला बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने अफसरों को नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी जिलों में इसके आदेश भेजे जा रहे हैं।

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प्रदेश भर में 61 हजार आंगनबाडियां हैं, इन आंगनबाडियों पर बच्चों के साथ साथ गर्भवती महिलाओं को सप्ताह भर के लिए एक साथ पोषाहार दिया जाता है। पोषाहार सही हाथों में नहीं देने और इसमें गडबडियों की शिकायतें थी। इसके चलते अब जिन भी गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषाहार बांटा जाएगा उस समय किसी भी स्थानीय जनप्रतिनिधि को बुलाकर उससे वेरिफाई करवाना होगा।
गांवों में सरंपच या वार्ड पंच और शहरों में पार्षद को बुलाना होगा।



इससे पहले यह प्रयोग खाद्य विभाग भी राशन बांटने में कर चुका है लेकिन सबसे बडा खतरा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अफसरों के साथ सांठगांठ का है। सवाल यह उठता है कि अगर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ भी फील्ड स्टाफ ने सांठगांठ कर ली तो फिर पोषाहार में गडबडी कैसे रूकेगी।

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