शुक्रवार, 12 जून 2015

सवाईमाधोपुर। एक ही स्कूल के 17 बच्चों की मैरिट जांच के घेरे में

सवाईमाधोपुर। एक ही स्कूल के 17 बच्चों की मैरिट जांच के घेरे में


सवाईमाधोपुर। सवार्इमाधोपुर के गंगापुरसिटी की क्रिएटिव पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल का नाम उस वक्त चर्चा में आ गया जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अमजेर ने 10वीं कक्षा का रिजल्ट घोषित किया जिसमें क्रिएटिव स्कूल के 17 विद्यार्थियों ने राज्य मैरिट में स्थान प्राप्त किया है। इस स्कूल के 17 विद्यार्थियों का एकसाथ राज्य मैरिट सुची में आना संन्देह के घेरे में है जिसे देखते हुए शिक्षा मंत्री सहित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जांच के आदेश दिए हैं।

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देश के इतिहास में पहली बार ऐसा रिकॉर्ड
क्रिएटिव पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के एक साथ 17 बच्चों का नाम राज्य मैरिट सुची में आना देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी स्कूल के 17 बच्चों ने एक साथ राज्य मैरिट सुची में स्थान प्राप्त किया हो क्रिएटिव पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा एकता अग्रवाल ने 99.17 अंक लाकर जहॉ प्रथम स्थान प्राप्त किया है वहीं आयुशी अग्रवाल और दीपक मीणा ने 98.83 अंक लाकर द्वितिय स्थान प्राप्त किया है तो अनुषिका तायल व हिमांशू ने 98.33 अंक लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही स्कूल के 17 विद्यार्थियों ने राज्य मैरीट सूची में स्थान प्राप्त किया है। एक ही स्कूल के 17 बच्चों का मेरिट में आना स्कूल प्रशासन के लिये भी जी का जंजाल बन गया है। इस पूरे मामले को लेकर माध्यमिक अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रुपनारायण गुर्जर का कहना है की शिक्षा बोर्ड और राज्य सरकार से मिले आदेशों के अनुसार स्कूल की जांच की जाएगी। उनका कहना है की एक साथ 17 बच्चों का मैरिट में आना स्कूल पर संदेह पैदा करता है उनका कहना है की सच्चार्इ का खुलासा जांच के बाद ही सामने आएगा। यदि जांच में स्कूल दोषी पार्इ जाती है तो स्कूल की मान्यता रद्द करवाने की कार्रवाई की जाएगी।



आखिर क्यूं लग रहा है मामला संदिग्ध
दरअसल क्रिएटिव स्कूल में 10 कक्षा में कुल 201 बच्चें थे उनमें से 17 बच्चों ने राज्य मैरिट सुची में स्थान प्राप्त किया है और 183 बच्चों के 60 प्रतिशत से अधिक अंक आए हैं वहीं 17 बच्चें सैकंड श्रेणी में उत्तीर्ण हूए हैं और पूरी कक्षा में महज एक बच्चा ही फेल हुआ है। स्कूल के पिछले साल के रिजल्ट पर नजर डालें तो पिछले साल 10वीं कक्षा में 184 बच्चे थे जिसमें से 183 बच्चें उत्तीर्ण हुए थे और एक बच्चा फेल हुआ था। 183 बच्चों में से 138 बच्चों के 60 प्रतिशत अंक से अधिक नम्बर आये थे। इस सारे मामले के बीच खास बात यह है की सवार्इ माधोपुर में माध्यमिक शिक्षा के अतिरिक्त जिला शिक्षाअधिकारी देवीलाल मीणा का बेटा दीपक मीणा भी इसी स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र है और उसनें 10वीं कक्षा की मैरिट सूची में द्वितिय स्थान प्राप्त किया है।



खास बात यह भी है की निजी स्कूलों की जांच का जिम्मा भी देवीलाल मीणा के पास ही है निजी शिक्षण संस्थान संघ के पदाधिकारीयों का कहना है की परिक्षाओं के समय गंगापुरसिटी के स्कूलों में सामुहिक जांच की सुचनाऐं मिली थी जिसे देखते हुए संघ के पदाधिकारीयों ने अतिरिक्त जिला शिक्षाअधिकारी को शिकायत भी की थी मगर उन्होनें कोई कार्यवाही नही की थी जबकी शिक्षा विभाग के द्वारा नकल रोकनें के लिये उड़न दस्तें की टीम का भी गठन किया गया था। संघ के पदाधिकारीयों का कहना है कि परिक्षाओं के समय में हर बार दो या तीन स्कूलों को मिलाकर परीक्षा सैन्टर बनाया जाता है मगर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी देवीलाल मीणा ने क्रियेटिव पब्लिक स्कूल का सैन्टर अलग से निर्धारित किया था और गंगापुरसिटी की भगवती बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल को क्रियटीव स्कूल के बच्चों का सैन्टर बनाया गया था।



संघ के पदाधिकारीयों के अनुसार अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने पद का अनुचित लाभ उठाकर ही ऐसा किया है जो नियमों के विपरित है क्रियटिव स्कूल के 17 बच्चों का मैरिट सुची में आना स्कूल के लिये भी जी का जंजाल बन गया है और इस मामले को लेकर स्कूल प्रबंन्धन कुछ भी बोलनें को तैयार नही है। वहीं अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी देवीलाल मीणा भी मीडिया के सामनें नही आना चाहते मामले को लेकर लोगों में चर्चा है की एक साथ एक ही स्कूल के बच्चों का मैरिट में आना संयोग नही बल्कि उच्चस्तरिय घाल मेंल है।



इस सारे मामले का खुलासा तो अब जांच के बाद ही सामने आ पाएगा की आखिर इस सब के पीछे कौन जिम्मेदार है। हां! इतना जरुर है की कहीं तो कुछ गड़बड़ जरुर हुर्इ है जिसके साथ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की साख पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।

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