राजसमंद कुंवारों को ठग रही नकली दुल्हनें
विधुर व कुंवारों को शादी के सपने दिखाकर नकली दुल्हनें उनसे ठगी का खेल खेल रही हैं। संगठित तरीके से हो रहे इस गोरखधंधे में मेट्रोमोनियल साइट भी संलिप्त हैं।
कई बार धोखाधड़ी के मामले पुलिस तक पहुंचते हैं तो कई बार पीडि़त लोक लाज के भय से अपने साथ हुई घटना को छुपा जाता है। हाल में कुम्भलगढ़ में ऐसा मामला प्रकाश में आया, जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरोह के गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया।
बाहर से मंगाते लड़कियां : गिरोह फर्जी शादी कराता है। जरूरतमंद के सम्पर्क करने पर उससे प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। लड़की व उसके परिवार वालों से मिलाने के लिए अलग से रुपए वसूले जाते हैं।
कई बार बिना शादी कराए ही सम्पर्क खत्म कर दिया जाता है तो कई बार शादी कराई जाती है। कुछ समय दुल्हन पति के घर में रहती है। इसके बाद गहने कपड़े लेकर फरार हो जाती है। राजसमंद के थानों में कई प्रकरण दर्ज हैं।
केस-1
राजनगर थाना क्षेत्र के अशोक ने शुभ लगन मेट्रोमोनियल सर्विसेज का विज्ञापन देखकर संस्था के भोपाल स्थित मुख्यालय पर सम्पर्क किया। संस्था के करणसिंह लोढ़ा ने युवक से शादी कराने का वादा किया।
अगले दिन संस्था की कर्मचारी सीमा ने युवक को फोन कर पंजीकरण के 21 हजार रुपए मांगे व लड़की दिखाने का आश्वासन दिया। अशोक ने लड़की देखने के बाद पैसा जमा कराने की शर्त रखी। मेट्रोमोनियल स्टाफ ने उसकी संगीता यादव पुत्री कालूराम यादव निवासी मण्डी दीप जिला रायसेन मध्यप्रदेश से बात कराई।
वे उसे लेकर 28 जून 2014 को भोपाल से राजसमंद आए। यहां लड़की दिखाई का कार्यक्रम हुआ। अशोक को लड़की पसंद आई। संस्था सदस्यों के लौटने के पश्चात उसने 21 हजार पंजीयन के व 10 हजार रुपए गाड़ी के किराए के मेट्रीमोनियल के बैंक खाते में जमा करा दिए। इसके बाद संस्था के सदस्यों ने उससे सम्पर्क खत्म कर दिया।
परेशान होकर युवक ने संस्था निदेशक व कर्मचारियों सहित भावी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। राजनगर थाने के एएसआई महेश मीणा ने मामले की पड़ताल की। वे भोपाल स्थित संस्था के पंजीकृत कार्यालय गए, लेकिन पता फर्जी निकला। इसके बाद प्रार्थी ने लोक लाज के भय से पुलिस से अग्रिम कार्रवाई नहीं करने की अपील की। पुलिस को भी एफआर लगानी पड़ी।
केस-2
बनोकड़ा निवासी हीरासिंह की शादी बचपन में हो गई थी। बाद में पत्नी नाते चली गई। काफी दिनों तक अकेले रहने के पश्चात उन्होंने गांव के ही मोहनसिंह से सम्पर्क किया। मोहनसिंह ने हीरासिंह को बाबूसिंह , जलीन्दर नाथ व नाथू गायरी से मिलाया। इनमें से एक आरोपित लड़की का भाई बना। शादी कराने का सौदा 2 लाख रुपए में तय हुआ। फिर हीरा की शादी कराई गई। आरोप है कि दुल्हन पाखंड निवासी सुंदर हीरासिंह के साथ 16 दिन तक रही। एक दिन हीरासिंह खेत पर गए तो महिला चांदी की ढाई सौ ग्राम चूडिय़ां लेकर फरार हो गई।
बाद में हीरासिंह ने महिला के बारे में पता किया तो इस नाम व पते पर कोई महिला नहीं मिली। उसने चारों दलाल के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस ने त्वरित कर्रवाई कर चारों को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि उदयपुर निवासी मीना कुंवर एक मैट्रीमोनियल साइट चलाती हैं और ऑनलाइन लड़कियों को बुलाकर शादी कराती हैं। पुलिस अब आरोपित महिला की तलाश कर रही है।
नकली शादी कर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। चार आरोपित गिरफ्तार हैं। पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है।
चंदनसिंह, वृत्ताधिकारी, वृत्त कुम्भलगढ़
फर्जी पते, पुलिस के लिए चुनौती
इंटरनेट पर संचालित कई मेट्रोमोनियल साइट ठगी में लिप्त हैं। इन वेबसाइट पर पंजीकृत ऑफिस का पता गलत दर्ज होता है। वहीं जिन मोबाइल नम्बरों से सम्पर्क किया जाता है वे भी फर्जी पते से जारी होते हैं। ऐसे में पुलिस को तफ्तीश में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ठगी के पश्चात नकली दुल्हन व गिरोह कुछ समय के लिए भूमिगत हो जाता है।
इनका रखें ध्यान
मेट्रोमोनियल साइट-पंजीकृत ऑफिस सम्पर्क नम्बर, साइट का पुराना रिकार्ड, सम्पर्क में आए व्यक्तियों की पहचान, उनके पते दुल्हन-शैक्षिक व पहचान के दस्तावेज, सामाजिक स्थिति, परिवार व सम्बंधी।
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