नये सत्र में स्कूलों में विद्यार्थीयों का ढोल-नगाडों से होगा स्वागत
राजस्थान में बदहाल सरकारी स्कूलों की दशा को सुधारने के लिए और सरकारी स्कूलों में इस नये शिक्षा-सत्र में बच्चों का अधिक से अधिक नामांकन करने के लिए 11 से 16 मई तक राजस्थान के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा| इस उत्सव में ढोल-नगाड़ों और मंजीरों की खनक के साथ अध्यापक व स्थानीय जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर शिक्षा की जोत जगाएंगे और नए शिक्षा सत्र में अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने का अनुरोध करेगें और शिक्षा विभाग की ओर से जारी आमंत्रण पत्र भी देगें|
शिक्षा विभाग के अनुसार सरकारी स्कूलों के प्रत्येक अध्यापक को नये शिक्षा सत्र में कम से कम पांच बच्चों को अपने विद्यालय में प्रवेश दिलाना होगा। शिक्षा विभाग के आंकड़ों की बात करें तो प्रत्येक समन्वित सरकारी स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक कम से कम 150, कक्षा 6 से 8 तक 105, कक्षा 9 से 10 में 40 बच्चे प्रति कक्षा और कक्षा 11 व 12 में 60 के हिसाब से कुल 120 बच्चों का नामांकन होना चाहिए। अर्थात प्रत्येक स्कूल में कम से कम 20 प्रतिशत बच्चों के नामांकन में वृद्धि होनी आवश्यक है।
सूत्रों के अनुसार इस बार प्रवेशोत्सव बहुत ही रोचक तरीके से होगा| इसमें स्थानीय जनप्रतिनधि, अभिभावक, बच्चों के साथ रैली का आयोजन किया जायेगा तथा बैनर, स्टीकर, नारे, ढोल, नगाड़े, मंजिरे का उपयोग किया जायेगा। स्कूल को सजाया जायेगा व नव प्रवेश लेने वाले बच्चों का प्रार्थना सभा में माला व तिलक से स्वागत किया जायेगा तथा उन माता-पिता से विशेष सम्पर्क किया जायेगा, जिनके बच्चे स्कूल नहीं जाते। चाइल्ड ट्रैकिंग सर्वे करवा कर स्कूल जाने योग्य बच्चों की खोज भी की जायेगी और उन्हें प्रवेश दिया जायेगा| सबसे ज्यादा नामांकन करवाने वाले शिक्षकों को पुरस्कार स्वरुप प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
राजस्थान में बदहाल सरकारी स्कूलों की दशा को सुधारने के लिए और सरकारी स्कूलों में इस नये शिक्षा-सत्र में बच्चों का अधिक से अधिक नामांकन करने के लिए 11 से 16 मई तक राजस्थान के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा| इस उत्सव में ढोल-नगाड़ों और मंजीरों की खनक के साथ अध्यापक व स्थानीय जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर शिक्षा की जोत जगाएंगे और नए शिक्षा सत्र में अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने का अनुरोध करेगें और शिक्षा विभाग की ओर से जारी आमंत्रण पत्र भी देगें|
शिक्षा विभाग के अनुसार सरकारी स्कूलों के प्रत्येक अध्यापक को नये शिक्षा सत्र में कम से कम पांच बच्चों को अपने विद्यालय में प्रवेश दिलाना होगा। शिक्षा विभाग के आंकड़ों की बात करें तो प्रत्येक समन्वित सरकारी स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक कम से कम 150, कक्षा 6 से 8 तक 105, कक्षा 9 से 10 में 40 बच्चे प्रति कक्षा और कक्षा 11 व 12 में 60 के हिसाब से कुल 120 बच्चों का नामांकन होना चाहिए। अर्थात प्रत्येक स्कूल में कम से कम 20 प्रतिशत बच्चों के नामांकन में वृद्धि होनी आवश्यक है।
सूत्रों के अनुसार इस बार प्रवेशोत्सव बहुत ही रोचक तरीके से होगा| इसमें स्थानीय जनप्रतिनधि, अभिभावक, बच्चों के साथ रैली का आयोजन किया जायेगा तथा बैनर, स्टीकर, नारे, ढोल, नगाड़े, मंजिरे का उपयोग किया जायेगा। स्कूल को सजाया जायेगा व नव प्रवेश लेने वाले बच्चों का प्रार्थना सभा में माला व तिलक से स्वागत किया जायेगा तथा उन माता-पिता से विशेष सम्पर्क किया जायेगा, जिनके बच्चे स्कूल नहीं जाते। चाइल्ड ट्रैकिंग सर्वे करवा कर स्कूल जाने योग्य बच्चों की खोज भी की जायेगी और उन्हें प्रवेश दिया जायेगा| सबसे ज्यादा नामांकन करवाने वाले शिक्षकों को पुरस्कार स्वरुप प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
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