सोमवार, 20 अप्रैल 2015

मातेश्वरी क्रेडिट सोसायटी के बकायादारों का भुगतान करने के निर्देश


मातेश्वरी क्रेडिट सोसायटी के बकायादारों का भुगतान करने के निर्देश
बाड़मेर एसपी को 1 जुलाई को पालना रिपोर्ट पेश करने के आदेश

याचिकाकर्ता सज्जनसिंह भाटी की भूमिका पर उठाए सवाल


जोधपुर । विधि संवाददाता। क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटियों के सदस्यों के बीच वित्तीय लेन-देन को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए। याचिकाकर्ता स्वयं एक क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी का संचालक रहा हैए जिसकी न तो नियमित ऑडिट करवाई गई और न ही सदस्यों के बकाया राशि का भुगतान किया गया। माननीय न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायाधीश जयश्री ठाकुर की खंडपीठ के समक्ष जब अप्रार्थीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्रसिंह सिंघवी ने यह तथ्य रखे कि याचिकाकर्ता सज्जनसिंह भाटी खुद एक क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी का संचालक होने के नाते हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं कर पाया है। जिसका कुल बकाया 62.90 लाख रुपये 31.03.2012 तक सदस्यों को भुगतान करना अभी भी शेष है। श्री सज्जनसिंह भाटी द्वारा किसी भी जमाकर्ता सदस्य को भुगतान तभी किया गयाए जब किसी ने उसके खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाये। ऐसे कई मामले पुलिस थाना बाडमेर कोतवाली व शिव थाने में दर्ज हुए हैं। मातेश्वरी क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी की ऑडिट 31.03.2012 के बाद से नही हुई और ना ही समापक की कार्यवाही हुई । खंडपीठ ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया तथा कहा कि खुद कठघरे में रहते हुए दूसरी सोसायटीयो पर सवाल उठाने के पीछे कुछ अलग ही मंशा नजर आती है। उन्होंने याचिकाकर्ता की सोसायटी मातेश्वरी क्रेडिट को.ऑपरेटिव सोसायटी के बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में बाड़मेर पुलिस अधीक्षक को 1 जुलाई को पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस अवधि में बाड़मेर एसपी यह सुनिश्चित करेंगे कि याचिकाकर्ता क्रेडिट सोसायटी के सभी बकायादारों का भुगतान कर ले। सोसायटी को अपनी ऑडिट रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया है। अप्रार्थीगण के अधिवक्ताओं ने कहा कि जनहित याचिका की आड़ में याचिकाकर्ता, जो कि स्वयं एक अधिवक्ता भी हैए वह इस तरह की गतिविधियों में लिप्त है। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के प्रोफेशनल मिसकंडक्ट पर भी प्रश्न खड़े किए हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सत्यप्रकाश शर्मा ने कई दलीले दी जिसे खंड.पीठ ने सिरे से ख़ारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी समिति श्मातेश्वरी क्रेडिट सोसायटीश् के जिसका कि वह अध्यक्ष है स्वयं ने अपनी सोसायटी के संचालक मंडल व कर्मचारियों पर अनेक गंभीर आरोप लगाये जिस पर खंडपीठ ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की इसमे भूमिका संदिग्ध हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें