नई दिल्ली
हिंदी के वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ. कैलाश वाजपेयी का बुधवार तड़के निजी अस्पताल में हृदयाघात से निधन हो गया।
वह 79 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी डॉ. रूपा वाजपेयी और पुत्री अनन्या हैं। डॉ. वाजपेयी को तड़के तीन बजे दिल का दौरा पडऩे पर निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया।
बुधवार शाम पांच बजे लोधी कॉलोनी स्थित श्मशान गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री मणि शंकर अय्यर, नृत्यांगना कपिला वात्स्यायन, आलोचक आशीष नंदी, वरिष्ठ साहित्यकार लीलाधर मंडलोई और विष्णु नागर सहित अनेक राजनेता और बुद्धिजीवी मौजूद थे।
इस मौके पर साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि हिंदी के प्रतिष्ठित कवि कैलाश वाजपेयी के निधन से हिंदी कविता को गंभीर क्षति हुई है। वाजपेयी दार्शनिक मिजाज के कवि थे। उन्होंने कविता के शिल्प में भी परिवर्तन किया था। उनकी कविताओं के अनुवाद कई भाषाओं में हुए हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कविताएं प्रस्तुत की थीं।
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