'गढ़ सिवाणा की ऐतिहासिक धरोहरों का हों संरक्षण'विधायक भायल....
विधानसभा में बोले सिवाना विधायक भायल....
जीत जाँगिड़ सिवाणा
सिवाना! सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने सिवाणा दुर्ग सहित क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षण देने की बात विधानसभा में कही! उन्होंने कहा कि सिवाणा का ऐतिहासिक दुर्ग राजस्थान के ईतिहास में अपना विशिष्ट स्थान रखता हैं और इसके पीछे एक गौरवशाली अतित जुड़ा हुआ हैं! अलाउद्दीन खिलजी और अकबर जैसे बादशाहों के आक्रमण का गवाह ये दुर्ग राजस्व रिकॉर्ड में एक गैर मुमकिन पहाड़ मात्र दर्ज हैं! सरकार द्वारा इस दुर्ग की महत्ता को समझते हुए इसे संरक्षण दिया जावें और एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जावें!
भायल के सोशिअल मिडीया प्रभारी जीत जाँगिड़ ने बताया कि सदन में पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा द्वारा पेश किये गए विरासत संरक्षण विधेयक पर बोलते हुए विधायक भायल ने कहा कि वीरवर दुर्गादास राठौड़ से कौन अनजान हैं! उन्होंने औरंगजेब के पुत्रों को अरावली पर्वतमाला में सिवाना के पास मिनी माउंट हल्देश्वर की पहाड़ी पर नजरबंद रखा था! पर्वत पर स्थित पोल आज भी उसका जीता जागता उदाहरण हैं! मगर दुर्गादास की इस कर्मभूमि पर उनका एक स्मारक भी नही हैं! साथ ही कल्ला राठौड़ का समाधी स्थल दुर्ग पर मौजूद हैं जिन्होंने सम्राट अकबर से लोहा लिया था! इन महापुरूषों के गौरवमयी ईतिहास को जीवंत रूप देने के लिये कस्बे में उनके स्मारक बनाएँ जावें!
उन्होंने कहा कि महाभारत काल में पांडवों ने जहाँ अज्ञातवास में अपना समय बीताया था वो भीमगौडा और साथ ही गोयणेश्वर महादेव मंदिर, मिनी माउंट हल्देश्वर, मोकलसर की बावड़ी, गुरू समाधी मंदिर व दंताला पीर दरगाह को भी पुरातत्व विभाग एवं धरोहर संरक्षण व प्रोन्नति प्राधिकरण के माध्यम से संरक्षण देकर इसे भावी पीढ़ी के लियें सुरक्षित किया जावें|
विधानसभा में बोले सिवाना विधायक भायल....
जीत जाँगिड़ सिवाणा
सिवाना! सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने सिवाणा दुर्ग सहित क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षण देने की बात विधानसभा में कही! उन्होंने कहा कि सिवाणा का ऐतिहासिक दुर्ग राजस्थान के ईतिहास में अपना विशिष्ट स्थान रखता हैं और इसके पीछे एक गौरवशाली अतित जुड़ा हुआ हैं! अलाउद्दीन खिलजी और अकबर जैसे बादशाहों के आक्रमण का गवाह ये दुर्ग राजस्व रिकॉर्ड में एक गैर मुमकिन पहाड़ मात्र दर्ज हैं! सरकार द्वारा इस दुर्ग की महत्ता को समझते हुए इसे संरक्षण दिया जावें और एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जावें!
भायल के सोशिअल मिडीया प्रभारी जीत जाँगिड़ ने बताया कि सदन में पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा द्वारा पेश किये गए विरासत संरक्षण विधेयक पर बोलते हुए विधायक भायल ने कहा कि वीरवर दुर्गादास राठौड़ से कौन अनजान हैं! उन्होंने औरंगजेब के पुत्रों को अरावली पर्वतमाला में सिवाना के पास मिनी माउंट हल्देश्वर की पहाड़ी पर नजरबंद रखा था! पर्वत पर स्थित पोल आज भी उसका जीता जागता उदाहरण हैं! मगर दुर्गादास की इस कर्मभूमि पर उनका एक स्मारक भी नही हैं! साथ ही कल्ला राठौड़ का समाधी स्थल दुर्ग पर मौजूद हैं जिन्होंने सम्राट अकबर से लोहा लिया था! इन महापुरूषों के गौरवमयी ईतिहास को जीवंत रूप देने के लिये कस्बे में उनके स्मारक बनाएँ जावें!
उन्होंने कहा कि महाभारत काल में पांडवों ने जहाँ अज्ञातवास में अपना समय बीताया था वो भीमगौडा और साथ ही गोयणेश्वर महादेव मंदिर, मिनी माउंट हल्देश्वर, मोकलसर की बावड़ी, गुरू समाधी मंदिर व दंताला पीर दरगाह को भी पुरातत्व विभाग एवं धरोहर संरक्षण व प्रोन्नति प्राधिकरण के माध्यम से संरक्षण देकर इसे भावी पीढ़ी के लियें सुरक्षित किया जावें|
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