जयपुर
हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2013 के तहत नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (आरटेट) में 60 प्रतिशत या अधिक अंक लाने वाले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने को स्वतंत्र है।
न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी ने मंगलवार को राज्य सरकार के जवाब के आधार पर अशोक धायल और अन्य की याचिकाओं को निस्तारित कर दिया है।
सरकार का जवाब
सुप्रीम कोर्ट में अपील तय होने तक 60 प्रतिशत से कम अंक वालों के लिए पद रखे जाएंगे। इनके पक्ष में फैसला आने पर चयनित हो चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता का लाभ दिया जाएगा। लेकिन इस अवधि का आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा।
कोर्ट का आदेश
पूरी भर्ती सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी। चयनितों की आरटेट के अंकों के आधार पर तीन श्रेणियां बनाई जाए। पहली 60 प्रतिशत या अधिक, दूसरी 55-60 प्रतिशत व तीसरी श्रेणी 55 प्रतिशत से कम अंक वाले चयनित अभ्यर्थियों की बने।
याचिकाओं में कहा: तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2013 में चयन के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया के तहत आरटेट में 60 प्रतिशत से कम अंक वालों के दस्तावेज का सत्यापन नहीं किया जा रहा है, जबकि दूसरे चयनित अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा रहा है।
इसलिए तीन श्रेणी
- सरकार ने आरटेट में 55 प्रतिशत से कम अंक वाले कुछ वर्गों के अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में पात्र माना।
- हाईकोर्ट की एकलपीठ ने आरटेट में 55 प्रतिशत से कम अंक वालों को शिक्षक भर्ती में पात्र नहीं माना।
- हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आरटेट में 60 प्रतिशत से कम अंक वालों को शिक्षक भर्ती में पात्र नहीं माना।
- अब हाईकोर्ट आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित है।
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