जयपुर। डायन प्रथा और टोना-टोटके को बढ़ावा देकर सताना या डायन प्रताड़ना से मौत के मामलों में बचना मुश्किल होगा। डायन प्रताड़ना के मामले में सात साल तक तथा इससे मौत पर आजीवन कारावास की सजा मिलेगी। राज्य सरकार ने डायन प्रथा को लेकर हाईकोर्ट की फटकार झेलने के बाद आखिरकार विधानसभा में विधेयक पेश कर दिया है। इस कानून के तहत पीडिताओं का पुनर्वास और सताने वालों पर जुर्माना भी किया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से हाल ही राजस्थान डायन-प्रताड़ना निवारण विधेयक-2015 नाम से विधेयक पेश किया गया है। इसके पारित होने के बाद राजस्थान ऎसा कानून बनाने वाले गिने-चुने राज्यों में शामिल हो जाएगा। विधेयक में कहा है कि महिलाओं को डायन कहकर अखाद्य पदार्थ पीने या खाने को मजबूर करने, नग्न या अर्द्ध नग्न घुमाने अथवा सम्पत्ति से बेदखल करने की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए यह कानून लाया जा रहा है, इसके तहत इन महिलाओं को सताने वालों के साथ ही डायन चिकित्सक होने का दावा करने वालों को भी सजा होगी।
यह है सजा का प्रस्ताव
- डायन के नाम पर प्रताड़ना- 5 साल तक सजा या 50 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों।
- जबरन महिला को अखाद्य खिलाने या पिलाने पर- 3 से 7 साल तक सजा या 50 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों।
- महिला को नग्न, अर्द्धनग्न घुमाने या सम्पत्ति हथियाने पर- 3 से 7 साल सजा या 50 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों।
- डायन के इलाज का दावा करना- एक से तीन साल सजा या 10 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों।
- बुरी आत्मा भगाने को अनुष्ठान करना- 3 से 7 साल सजा या 50 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों।
- डायन प्रताड़ना से महिला की मृत्यु पर - आजीवन कारावास तक सजा या एक लाख रूपए जुर्माना अथवा दोनों।
- अपराध सामूहिक किए जाने पर- जुर्माना सामूहिक होगा और सभी आरोपितों से वसूल होगा। -
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