सोमवार, 13 अप्रैल 2015

रिफाइनरी प्रोजेक्ट में देरी, राजस्‍थान को 4100 करोड़ का घाटा

रिफाइनरी प्रोजेक्ट में देरी, राजस्‍थान को 4100 करोड़ का घाटा



जयपुर। पचपदरा (बाड़मेर) में प्रस्तावित रिफाइनरी प्रोजेक्ट में हो रही देरी से प्रदेश को अब तक करीब 4100 करोड़ रुपए से ज्यादा के टैक्स का नुकसान हुआ है। फायदा यहां केयर्न एनर्जी को मिल रहा है क्योंकि बाड़मेर में रिफाइनरी नहीं होने से यहां उत्पादित पेट्रोलियम गुजरात की रिफाइनरी को भेजा जा रहा है।

केयर्न एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बाड़मेर में खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस का उत्पादन का काम कर रही है। कच्चे तेल को गुजरात भेजे जाने की वजह से प्रदेश को 5 प्रतिशत वैट की जगह सिर्फ 2 प्रतिशत सीएसटी मिल रहा है। हालांकि वाणिज्यिक कर विभाग ने केयर्न को 5 प्रतिशत टैक्स ही जमा करवाने का नोटिस दे रखा है, लेकिन कंपनी ने इसके विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी।

कोर्ट ने कंपनी को इस मामले में स्टे देते हुए 13 मई को अगली सुनवाई की तारीख दी है। प्रत्यक्ष करों में होने वाले नुकसान के अलावा रिफाइनरी में मिलने वाले रोजगार और इसके साथ ही पनपने वाली एंसेलरी यूनिट्स में होने वाले निवेश से भी प्रदेश वंचित हो रहा है। केयर्न एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने बाड़मेर में 2009-10 से क्रूड निकालने का काम शुरू किया था। मार्च 15 तक कंपनी ने 2 प्रतिशत सीएसटी के रूप में प्रदेश को 2751.04 करोड़ रुपए का राजस्व दिया।

सरकार नए सिरे से एमओयू की इच्छुक

पिछली सरकार में पचपदरा में प्रस्तावित रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए एचपीसीएल से किए गए एमओयू की मौजूदा सरकार समीक्षा कर रही है। इसके लिए सरकार ने हाल में प्राइस वाटर कूपर्स को कंसलटेंसी कंपनी बनाया था। इसकी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार ने एचपीसीएल को एमओयू रिवाइज करने के लिए कहा है। एचपीसीएल से कहा गया है कि इस मामले में वह जल्द ही अपना जवाब पेश करे।

कहां कितने भंडार

राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बाड़मेर में क्रूड ऑयल का 500 मिलियन टन रिजर्व है और प्राकृतिक गैस के 6 हजार मिलियन घन मीटर रिजर्व हैं। वहीं जैसलमेर में 22 हजार मिलियन घनमीटर तक प्राकृतिक गैस रिजर्व मौजूद हैं।

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