एक महीने में 2 बार चीनी सेना ने की घुसपैठ की कोशिश
चीन के सैनिकों द्वारा एक बार फिर घुसपैठ करने का मामला सामने आया है| चीनी सैनिकों ने पिछले एक महीने में दो बार पूर्वी लद्दाख के ओर से घुसपैठ करने की कोशिश की है| सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सबसे पहले 20 मार्च को और फिर दुबारा 28 मार्च को चीन के सैनिक ने बुरत्से और देपसांग क्षेत्रों में घुसपैठ की है|
दोनों बार चीन के सैनिक भारतीय सीमा के अंतिम पैट्रोल प्वॉइंट तक पहुंचे| इससे पहले भी चीन के सैनिक देपसांग इलाके में आ गए थे और 21 दिनों तक अपना डेरा जमा के रखा था| उस वक्त दोनों देशों के टकराव की स्थिति बन गई थी। हालांकि इस बार भारतीय सेना ने उनकी इस तरह की कोशिश को नाकाम करते हुए उन्हें वापिस अपने इलाकों में जाने के लिए बाध्य किया।
भारतीय सेना से मिल रही जानकारी के अनुसार चीन के सैनिकों ने भारतीय सेना को पीछे धकेलने की कोशिश की थी, लेकिन वो अपनी नापाक कोशिशों में कामयाब नहीं हो पाये| भारतीय सेना ने उन्हें चीनी भाषा में बैनर और अपने देश का झंडा दिखाया और उन्हें वापिस जाना के लिए कहा| ऐसी कोई स्थिति दुबारा ना बने इसके लिए भारतीय सेना ने अपने गश्त बढ़ा दी है|
चीन के सैनिकों द्वारा एक बार फिर घुसपैठ करने का मामला सामने आया है| चीनी सैनिकों ने पिछले एक महीने में दो बार पूर्वी लद्दाख के ओर से घुसपैठ करने की कोशिश की है| सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सबसे पहले 20 मार्च को और फिर दुबारा 28 मार्च को चीन के सैनिक ने बुरत्से और देपसांग क्षेत्रों में घुसपैठ की है|
दोनों बार चीन के सैनिक भारतीय सीमा के अंतिम पैट्रोल प्वॉइंट तक पहुंचे| इससे पहले भी चीन के सैनिक देपसांग इलाके में आ गए थे और 21 दिनों तक अपना डेरा जमा के रखा था| उस वक्त दोनों देशों के टकराव की स्थिति बन गई थी। हालांकि इस बार भारतीय सेना ने उनकी इस तरह की कोशिश को नाकाम करते हुए उन्हें वापिस अपने इलाकों में जाने के लिए बाध्य किया।
भारतीय सेना से मिल रही जानकारी के अनुसार चीन के सैनिकों ने भारतीय सेना को पीछे धकेलने की कोशिश की थी, लेकिन वो अपनी नापाक कोशिशों में कामयाब नहीं हो पाये| भारतीय सेना ने उन्हें चीनी भाषा में बैनर और अपने देश का झंडा दिखाया और उन्हें वापिस जाना के लिए कहा| ऐसी कोई स्थिति दुबारा ना बने इसके लिए भारतीय सेना ने अपने गश्त बढ़ा दी है|
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