10 वर्ष बाद भी प्रारंभ नहीं हुआ 1 करोड़ की लागत का केन्द्रीय बस स्टैंड
भीलवाड़ा। जिले के शाहपुरा तहसील में 1 करोड़ से अधिक की लागत से 10 वर्ष पूर्व केन्द्र सरकार द्वारा प्रवर्तित आईडीएसएमटी योजना में निर्मित बस स्टैण्ड का सुचारू रूप से संचालन लाख जतन के बाद भी अब तक नहीं हो पाया है। नगर पालिका के साथ स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक करीब एक दर्जन बार प्रयास किये गये परंतु हर बार विफलता ही हाथ लगी। एक करोड़ रू. की लागत के बस स्टैण्ड का संचालन न होने से स्थनीय प्रशासन की कार्य कुशलता पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभावकि है। इस बस स्टैंड का उद्धघाटन वर्तमान में शाहपुरा के विधायक व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने ही 2005 में किया था उसके बाद भी बस स्टैंड का कई बाद उद्धघाटन हो चुका है।
भीलवाड़ा रोड़ पर नगर पालिका द्वारा निर्मित बस स्टैण्ड का विधिवत शुभारंभ समारोह पूर्वक होने के पश्चात भी इसका संचालन शुरू न होने से शहर वासियों में यह चर्चा जोरों से है कि क्या कभी इसका संचालन शुरू हो पायेगा। नगर पालिका द्वारा केन्द्र सरकार की योजना के तहत इस बस स्टैण्ड का निर्माण 10 साल पहले कराया गया। निर्माण के 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका व्यविस्थत संचालन नहीं हो पाया है। इसका उपयोग न करने के कारण अब वो धीरे धीरे जीर्ण शीर्ण भी होने लगा है। रात्रि में तो यहां पर पियक्कड़ों की बहार आ जाती है। इसके संचालन के लिए जनप्रतिनिधि जहां अधिकारियों को जिम्मेदार बताते है वहीं अधिकारी जनप्रतिनिधियों की इच्छा शक्ति का अभाव बताते है।
इस बस स्टैण्ड से पुलिस थाने की दूरी मात्र 200 मीटर की है, बावजूद इसके ऐसा सब कुछ हो रहा है। बस संचालकों के साथ कोई सख्ती नहीं हो रही है। शहर में स्थित पुराने बस स्टैण्ड पर दिन में कई बार जाम लगने से आवागमन में भारी असुविधा होती है। इतना सब होने के बाद भी समस्या के प्रति कोई गंभीर नहीं दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि शाहपुरा के बस स्टैण्ड को सुव्यवस्थित संचालित करने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा निजी व रोडवेज बसों का ठहराव सुनिश्चित करने संबधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसको भी लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी अब तक अधिसूचना का पालन नहीं हो रहा है। स्थानीय नागरिको को अब वर्तमान विधायक व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल से आशा है कि वे ही इस बस स्टैंड का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे।
भीलवाड़ा। जिले के शाहपुरा तहसील में 1 करोड़ से अधिक की लागत से 10 वर्ष पूर्व केन्द्र सरकार द्वारा प्रवर्तित आईडीएसएमटी योजना में निर्मित बस स्टैण्ड का सुचारू रूप से संचालन लाख जतन के बाद भी अब तक नहीं हो पाया है। नगर पालिका के साथ स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक करीब एक दर्जन बार प्रयास किये गये परंतु हर बार विफलता ही हाथ लगी। एक करोड़ रू. की लागत के बस स्टैण्ड का संचालन न होने से स्थनीय प्रशासन की कार्य कुशलता पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभावकि है। इस बस स्टैंड का उद्धघाटन वर्तमान में शाहपुरा के विधायक व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने ही 2005 में किया था उसके बाद भी बस स्टैंड का कई बाद उद्धघाटन हो चुका है।
भीलवाड़ा रोड़ पर नगर पालिका द्वारा निर्मित बस स्टैण्ड का विधिवत शुभारंभ समारोह पूर्वक होने के पश्चात भी इसका संचालन शुरू न होने से शहर वासियों में यह चर्चा जोरों से है कि क्या कभी इसका संचालन शुरू हो पायेगा। नगर पालिका द्वारा केन्द्र सरकार की योजना के तहत इस बस स्टैण्ड का निर्माण 10 साल पहले कराया गया। निर्माण के 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका व्यविस्थत संचालन नहीं हो पाया है। इसका उपयोग न करने के कारण अब वो धीरे धीरे जीर्ण शीर्ण भी होने लगा है। रात्रि में तो यहां पर पियक्कड़ों की बहार आ जाती है। इसके संचालन के लिए जनप्रतिनिधि जहां अधिकारियों को जिम्मेदार बताते है वहीं अधिकारी जनप्रतिनिधियों की इच्छा शक्ति का अभाव बताते है।
इस बस स्टैण्ड से पुलिस थाने की दूरी मात्र 200 मीटर की है, बावजूद इसके ऐसा सब कुछ हो रहा है। बस संचालकों के साथ कोई सख्ती नहीं हो रही है। शहर में स्थित पुराने बस स्टैण्ड पर दिन में कई बार जाम लगने से आवागमन में भारी असुविधा होती है। इतना सब होने के बाद भी समस्या के प्रति कोई गंभीर नहीं दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि शाहपुरा के बस स्टैण्ड को सुव्यवस्थित संचालित करने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा निजी व रोडवेज बसों का ठहराव सुनिश्चित करने संबधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसको भी लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी अब तक अधिसूचना का पालन नहीं हो रहा है। स्थानीय नागरिको को अब वर्तमान विधायक व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल से आशा है कि वे ही इस बस स्टैंड का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे।
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