बालोतरा वाह रे जलदाय विभाग! कागजों में ही दुरस्त कर रहे हैं हैण्डपम्प
25 दिन से हैंडपम्प खराब,
ग्रामीणों के सामने पेयजल संकट
पाटोदी पंचायत समिति के कोडूका गांव का मामला
बंशी चौधरी
बालोतरा। उपखण्ड की पाटोदी पंचायत समिति के कोडूका गांव में आईमाता मंदिर के पास स्थित हैंण्डपम्प पिछले कई दिनो खराब पड़ा हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने जलदाय विभाग को जरिये दूरभाष और व्यक्तिगत रूप से मिलकर अवगत करवा चुके हैं, लेकिन जलदाय विभाग के निकम्मे अधिकारियों की नींद नही खुल रही हैं जिसके चलते यहां के आस-पास के दर्जनों ढाणियों के लिए पेयजल का संकट खड़ा हो गया हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हैंडपम्प खराब होते ही संबंधित अधिकारियों को अवगत करवा दिया था तथा फिर भी सही नही करने पर लिखित में अर्जी पेश कर दी बावजूद इसके जलदाय विभाग के अधिकारी हैंण्डपम्प को ठीक नही करवा रहे हैं।
कागजो में ही बता रहे है ठीक कर दिया हैंण्डपम्प
ग्रामीण सुमेरसिंह नें बताया कि जब हैंण्डपम्प सही करवाने की शिकायत लेकर जलदाय विभाग के पचपदरा कार्यालय गया तो वहां उन्हे चौंकाने वाला जबाव मिला कि आपका हैंण्डपम्प तो 2 मार्च 2015 की ठीक किया गया हैं, साथ ही कोडूका के दो और हैंण्डपम्प दुरस्त करने की जानकारी दी लेकिन यहां न तो इस दिन कोई हैंण्डपम्प को निरीक्षण करने तक नही आया ठीक करने की बात दूर। अब ऐसे में सवाल उठता हैं कि जिले के कितने हैण्डपम्प ऐसे ही कागजो में ठीक होंगे होते।
यही ढर्रा रहा तो गर्मियों में बिगड़ जाएंगे हालात
अभी तो गर्मी शुरु ही नही हुई हैं अभी से जलदाय विभाग की कार्यशैली की पोल खुल रही हैं, यदि यही हालात रहे तो ग्रामीणों के सामने आने वाले दिनों में पेयजल करे लेकर बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता हैं। यह हालात इस एक हैंण्डपम्प के नही हैं उपखड क्षेत्र में हैंण्डपम्प खराब होने की शिकायते अक्सर आती रहती हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी अपनी सुविधानुसार उन्हे दुरस्त करवाते हैं न की जनता की परेशानी को देखकर।
तीन दिन में ठीक करने का हैं नियम
‘’राजस्थान लोक सेवा गारण्टी अधिनियम 2011 के अन्तर्गत हैंडपम्प की ठीक करने के लिए सहायक अभियंता को तीन दिन के निर्धारित समय में हैंडपम्प दुरस्त करना होता हैं, लेकिन यहां तो महिनों बीत जाने के बाद भी हैंण्डपम्प दुरस्त नही हो रहे हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण
हैंडपम्प खराब होते ही लिखित में अर्जी देदी थी, लेकिन आज 20 से अधिक दिन हो गये अभी तक हैंडपम्प सही करने कोई नही आया हैं, हमे पेयजल के लिए तथा मवेशियों को पानी पिलाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही हैं।
सुमेरसिंह भाटी
हमारे यहां आस-पास में कोई पेयजल की सुविधा नही हैं यहां के लोगों के लिए एक मात्र पानी का साधन यही हैंडपम्प था, जो खराब होने से दूर-दूर तक पानी के लिए जाना पड़ रहा हैं।
सोमूखां मंगलिया
कागजो में ही बता रहे है ठीक कर दिया हैंण्डपम्प
ग्रामीण सुमेरसिंह नें बताया कि जब हैंण्डपम्प सही करवाने की शिकायत लेकर जलदाय विभाग के पचपदरा कार्यालय गया तो वहां उन्हे चौंकाने वाला जबाव मिला कि आपका हैंण्डपम्प तो 2 मार्च 2015 की ठीक किया गया हैं, साथ ही कोडूका के दो और हैंण्डपम्प दुरस्त करने की जानकारी दी लेकिन यहां न तो इस दिन कोई हैंण्डपम्प को निरीक्षण करने तक नही आया ठीक करने की बात दूर। अब ऐसे में सवाल उठता हैं कि जिले के कितने हैण्डपम्प ऐसे ही कागजो में ठीक होंगे होते।
यही ढर्रा रहा तो गर्मियों में बिगड़ जाएंगे हालात
अभी तो गर्मी शुरु ही नही हुई हैं अभी से जलदाय विभाग की कार्यशैली की पोल खुल रही हैं, यदि यही हालात रहे तो ग्रामीणों के सामने आने वाले दिनों में पेयजल करे लेकर बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता हैं। यह हालात इस एक हैंण्डपम्प के नही हैं उपखड क्षेत्र में हैंण्डपम्प खराब होने की शिकायते अक्सर आती रहती हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी अपनी सुविधानुसार उन्हे दुरस्त करवाते हैं न की जनता की परेशानी को देखकर।
तीन दिन में ठीक करने का हैं नियम
‘’राजस्थान लोक सेवा गारण्टी अधिनियम 2011 के अन्तर्गत हैंडपम्प की ठीक करने के लिए सहायक अभियंता को तीन दिन के निर्धारित समय में हैंडपम्प दुरस्त करना होता हैं, लेकिन यहां तो महिनों बीत जाने के बाद भी हैंण्डपम्प दुरस्त नही हो रहे हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण
हैंडपम्प खराब होते ही लिखित में अर्जी देदी थी, लेकिन आज 20 से अधिक दिन हो गये अभी तक हैंडपम्प सही करने कोई नही आया हैं, हमे पेयजल के लिए तथा मवेशियों को पानी पिलाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही हैं।
सुमेरसिंह भाटी
हमारे यहां आस-पास में कोई पेयजल की सुविधा नही हैं यहां के लोगों के लिए एक मात्र पानी का साधन यही हैंडपम्प था, जो खराब होने से दूर-दूर तक पानी के लिए जाना पड़ रहा हैं।
सोमूखां मंगलिया
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें