पाकिस्तान में वाघा बॉर्डर पर आत्मघाती बम विस्फोट की वारदात को ध्यान में रखते हुए बीएसएफ ने अटारी, हुस्नीवाला और सादकी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित द्वारों को बुलेट प्रूफ बनाने का निर्णय लिया है।
बंटवारे के बाद से पहली बार बीएसएफ ने अटारी बॉर्डर पर गेट के आगे (भारत की ओर) बुलेट प्रूफ स्क्रीन लगाई है, जिसे आगे पीछे किया जा सकता है।
बीएसएफ ने बुलेट प्रूफ स्क्रीन बीटिंग द रिट्रीट समारोह को देखने आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई है ताकि सीमा पार से छोटे हथियारों से हुई गोलीबारी या आत्मघाती हमले के दौरान बम के छर्रो से दर्शकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
बीएसएफ के अमृतसर सेक्टर के उपमहानिरीक्षक एमएफ फारूकी ने बताया कि वे लोग पाक रेंजर्स की सुरक्षा व्यवस्था पर निर्भर नहीं रह सकते हैं।
हर दिन करीब 10 से 15 हजार लोग बीटिंग द रिट्रीट समारोह देखने के लिए अटारी आते हैं। लेकिन हुस्नीवाला और सादकी पोस्ट पर अटारी की तुलना में कम दर्शक जाते हैं।
फारूकी ने बताया कि उन्होंने अटारी में गेट के दूसरी तरफ (पाकिस्तान की ओर) भी बुलेट प्रूफ स्क्रीन लगाने का प्रस्ताव दिया है।
सूत्रों ने बताया कि बुलेट प्रूफ स्क्रीन हुस्नीवाला, सादकी और फिरोजपुर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित पोस्ट पर लगाए जाएंगे।
गौरतलब है कि 2 नवंबर 2014 को वाघा में दर्शक दीर्घा के पास एक आतंकी ने खुद को बम से उड़ा लिया था, जिसमें 60 पाक दर्शकों की मौत हो गई थी। इस हमले को देखते हुए बीएसएफ ने सुरक्षा व्यवस्था को और चाकचौबंद करने का निर्णय लिया।
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