सोमवार, 12 जनवरी 2015

राजस्थान में रची गई थी बिजनौर धमाकों की सज़िश

राजस्थान में रची गई थी बिजनौर धमाकों की सज़िश
नई दिल्ली। 12 सितंबर, 2014 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुए धमाके की सज़िश का सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया है। इन धमाकों की साज़िश अलवर (राजस्थान) में रची गई थी। जांच में जुटी एजेंसियों के मुताबिक, आतंकी दिल्ली-नोएडा के सीमावर्ती क्षेत्र में भी ठहरे थे। तीनों आतंकियों ने यहां एक कमरा किराये पर लेकर 13 दिनों तक वारदात की रणनीति बनाई। उन्होंने मकान मालिक समोद खान को बताया था कि वे पौधरोपण के लिए सर्वे करने आए हैं।

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कॉलेज के छात्रों से दोस्ती कर फर्जी सिम खरीदी
सुरक्षा एजेंसियों के खुलासे के मुताबिक, तीनों आतंकी 18 फरवरी, 2014 को अलवर पहुंचे थे। उन्होंने वहां के मूंगस्का क्षेत्र की सूरजपुर कॉलोनी में एक मकान किराये पर लिया।
कुछ दिन बाद आतंकियों ने अलवर के राजर्षि डिग्री कॉलेज के छात्रों से दोस्ती की। उनके पहचान पत्र पर छह सिम खरीदे, जिससे देश-विदेश में बातचीत की गई। आतंकियों ने इन सिमों का इस्तेमाल बिजनौर में भी किया।

इस तरह खुला पूरा मामला
धमाका करने वाले तीनों आतंकी 02 मार्च, 2014 को अलवर से अचानक निकल गए। इसी बीच 20 जुलाई की रात करीब 11 बजे मकान मालिक समोद खान ने आतंकियों को फोन कर वापस आने के बारे में पूछा तो उन्होंनें, ‘जल्दी वापस लौटने को कहा लेकिन इसके बाद 12 सितंबर, 2014 को बिजनौर के मोहल्ला जाटान में धमाका करने के बाद से तीनों फरार हो गए। गत दो अक्तूबर को पुलिस मकान मालिक समोद खान तक पहुंच गई। पूछताछ के दौरान पुलिस ने उसे बिजनौर से भागे पांचों आतंकियों का स्कैच दिखाया, समोद ने उनमें से हामिद नाम के शख्स को पहचान लिया जिससे यह तो पता चल गया कि बिजनौर धमाकों में इन तीन आतंकियों का हाथ है। राजस्थान के एटीएस चीफ आलोक त्रिपाठी ने बताया कि बिजनौर धमाके से ताल्लुक रखने वाले आतंकी अलवर में रहे थे। कई लोगों से पूछताछ की गई है। जो जानकारियां मिली हैं, उनके आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। अभी तक इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही थीं मगर अब यूपी एटीएस को यह जांच सौंपी गई है।

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