विकास के मुद्दे को लेकर बैठक करेंगी सीएम वसुंधरा
जयपुर। राज्य के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल जिलों व काउण्ट मैग्नेट शहरों में विकास की धीमी रफ्तार से नाराज मुख्यमं त्री वसुंधरा राजे ने नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।
विभाग इसके लिए प्रस्तुतीकरण तैयार करने में जुट गया है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री की अध्यक्षता में गठित एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में म ुख्यमंत्री, नगरीय विकास मंत्री व मुख्य सचिव सदस्य हैं।
बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजी गई थी, जिसे देखकर उन्होंने विभाग के अधिकारियों को बुलाने के निर्देश दए। प्रदेश के अलवर व भरतपुर जिले एनसीआर में शामिल हैं। जबकि जयपुर व कोटा शहर काउण्टर मैग्नेट सिटी हैं।
गौरतलब है कि अब तक भरतपुर व जयपुर के विकास से संबंधित कोई प्रस्ताव एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को नहीं भेजा गया है। जबकि हरियाणा 14 हजार करोड़ से अधिक लागत की विकास परियोजनाएं स्वीकृत करा चुका है।
एनसीआर बोर्ड की मदद से क्षेत्र में विकास कराने को लेकर इस कदर उदासीनता है कि राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्टियरिंग कमेटी की वर्ष 2009 के बाद कोई बैठक ही नहीं हुई। हालांकि, इस वर्ष कमेटी की बैठकों का दौर शुरू हुआ है।
जयपुर। राज्य के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल जिलों व काउण्ट मैग्नेट शहरों में विकास की धीमी रफ्तार से नाराज मुख्यमं त्री वसुंधरा राजे ने नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।
विभाग इसके लिए प्रस्तुतीकरण तैयार करने में जुट गया है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री की अध्यक्षता में गठित एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में म ुख्यमंत्री, नगरीय विकास मंत्री व मुख्य सचिव सदस्य हैं।
बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजी गई थी, जिसे देखकर उन्होंने विभाग के अधिकारियों को बुलाने के निर्देश दए। प्रदेश के अलवर व भरतपुर जिले एनसीआर में शामिल हैं। जबकि जयपुर व कोटा शहर काउण्टर मैग्नेट सिटी हैं।
गौरतलब है कि अब तक भरतपुर व जयपुर के विकास से संबंधित कोई प्रस्ताव एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को नहीं भेजा गया है। जबकि हरियाणा 14 हजार करोड़ से अधिक लागत की विकास परियोजनाएं स्वीकृत करा चुका है।
एनसीआर बोर्ड की मदद से क्षेत्र में विकास कराने को लेकर इस कदर उदासीनता है कि राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्टियरिंग कमेटी की वर्ष 2009 के बाद कोई बैठक ही नहीं हुई। हालांकि, इस वर्ष कमेटी की बैठकों का दौर शुरू हुआ है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें