जयपुर । स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने फर्जी डिग्री के मामले में जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के चेयरमैन कमल मेहता को गिरफ्तार कर लिया। चार दिन से एसओजी टीम उनका पीछा कर रही थी। टीम ने गुरूवार शाम दिल्ली के कैलश ईस्ट से मेहता को गिरफ्तार कर लिया ।
एसओजी के एसपी लालचंद कायल ने बताया कि फर्जी डिग्री देने के मामले में आरोपित कमल मेहता के दिल्ली में होने की सूचना मिली। रविवार को एक टीम दिल्ली में पहुंच गई थी। उन्होंने बताया कि मेहता को अभ्भी फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार किया गया है। मेहता के खिलाफ श्याम नगर थाने में कॉपरेटिव बैंक से संबंधित दो मामले पहले से दर्ज हैं। पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने बुधवार को श्याम नगर थाने में दर्ज दोनों मामलों को एसओजी के पास ट्रांसफर कर दिए हैं। इन मामलों की भी एसओजी जांच करेगी।
21 दिसंम्बर को हुआ था फर्जीवाड़े का खुलासा
एसओजी ने घर बैठे घर बैठे जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की एमए, बीए की डिग्री देने वाले गिरोह का 21 दिसंम्बर को पर्दाफाश कर जयपुर स्थित जगतपुरा निवासी मनोज पारीक, चित्तौड़गढ़ की सुभाष्ा कॉलोनी निवासी श्याम सिंह और भीलवाड़ स्थित बसंत विहार निवासी दर्शित अजमेरा को गिरफ्तार किया था। मनोज पारीक जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का नेशनल कॉर्डिनेटर था और सोढाला में विश्वविद्यालय की ओर से डाटा सेंटर संचालित कर रहा था। यहां पर ही फर्जी डिग्री तैयार की जाती थी। फर्जी डिग्री बनाने में विश्वविद्यायल के चेयरमैन कमल मेहता का नाम सबसे पहले सामने आया था। -
एसओजी के एसपी लालचंद कायल ने बताया कि फर्जी डिग्री देने के मामले में आरोपित कमल मेहता के दिल्ली में होने की सूचना मिली। रविवार को एक टीम दिल्ली में पहुंच गई थी। उन्होंने बताया कि मेहता को अभ्भी फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार किया गया है। मेहता के खिलाफ श्याम नगर थाने में कॉपरेटिव बैंक से संबंधित दो मामले पहले से दर्ज हैं। पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने बुधवार को श्याम नगर थाने में दर्ज दोनों मामलों को एसओजी के पास ट्रांसफर कर दिए हैं। इन मामलों की भी एसओजी जांच करेगी।
21 दिसंम्बर को हुआ था फर्जीवाड़े का खुलासा
एसओजी ने घर बैठे घर बैठे जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की एमए, बीए की डिग्री देने वाले गिरोह का 21 दिसंम्बर को पर्दाफाश कर जयपुर स्थित जगतपुरा निवासी मनोज पारीक, चित्तौड़गढ़ की सुभाष्ा कॉलोनी निवासी श्याम सिंह और भीलवाड़ स्थित बसंत विहार निवासी दर्शित अजमेरा को गिरफ्तार किया था। मनोज पारीक जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का नेशनल कॉर्डिनेटर था और सोढाला में विश्वविद्यालय की ओर से डाटा सेंटर संचालित कर रहा था। यहां पर ही फर्जी डिग्री तैयार की जाती थी। फर्जी डिग्री बनाने में विश्वविद्यायल के चेयरमैन कमल मेहता का नाम सबसे पहले सामने आया था। -
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