सोमवार, 19 जनवरी 2015

मदरसों में तालीम हासिल कर रहे हिंदू छात्र तो आरएसएस से शिक्षा ग्रहण कर रहे मुस्लिम बच्चे

मदरसों में तालीम हासिल कर रहे हिंदू छात्र तो आरएसएस से शिक्षा ग्रहण कर रहे मुस्लिम बच्चे


'लव जेहाद' व 'घर वापसी' जैसे मुद्दों पर गर्माई रहने वाली धार्मिक राजनीति के बीच हिंदुस्तान में एक ऐसी भी जगह है जहां दोनों धर्मों के बीच 'शिक्षा' सौहार्द बढ़ाने का कार्य कर रही है। दोनों ही धर्मों की तरफ से रामपुर में इस मिसाल के तहत 11 हिंदू बच्चों ने यहां एक मदरसा में दाखिला लिया है वहीं 140 मुस्लिम लड़कों ने आरएसएस संचालित स्कूल में दाखिला लिया है। मदरसा जमीयतुल अनसर के हैड मास्टर के मुताबिक उर्दू भाषा और साहित्य के प्रति यह अभिभावकों का प्यार ही है जिसने उन्हें मदरसा में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए प्रेरित किया।

मदरसा के मोहतमिम खालिद अंसारी के अनुसार, ‘‘हिंदू छात्र और उनके माता पिता समुदाय एवं धर्म से उपर उठ कर उर्दू से प्यार करते हैं और मिर्जा गालिब, फिराक गोरखपुरी तथा जिगर मुरादाबादी जैसे शायरों को पसंद करते हैं। साथ ही, परिवार के लोग चाहते हैं कि बच्चे पारंपरिक तहजीब सीखें.’’ लंबे समय से मदरसा पारंपरिक इस्लामी धार्मिक शिक्षण से जुड़े रहे हैं लेकिन अब उनमें से ज्यादातर मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल हो गए हैं और मुख्यधारा के विषयों की शिक्षा दे रहे हैं। अंसारी ने बताया कि 11 हिंदू लड़कों का मदरसा में दाखिला किया गया है जो अन्य विषयों की पढाई करने के अलावा बडी ही रुचि के साथ उर्दू भाषा भी सीखेंगे।

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इस बीच, करीब 140 मुस्लिम बच्चों ने कट्टर हिंदूवादी सोच रखने वाले संगठन आरएसएस द्वारा संचालित एक स्कूल में दाखिला लिया है। यह स्कूल अपनी हिंदुत्ववादी विचारधारा को लेकर जाना जाता है। संस्थान के प्राचार्य जितेन्द्र सिंह ने बताया, करीब 140 मुस्लिम लड़कों का सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में नामांकन किया गया है। यहां छात्र दिन की शुरुआत सूर्य नमस्कार और वंदेमातरम गाने के अलावा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करते है। सभी मुस्लिम छात्र हिंदू छात्रो के साथ मिलकर भोजन करते है। स्कूल का दावा है कि यहां से पास होकर निकले कई मुस्लिम लड़कों की विदेशों में अच्छी नौकरियां भी लगी है।

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