बदिंयों से ओवरलोड और सुविधाओं से महरुम राजस्थान के जेल
राजस्थान की जेले बंदियों के लिहाज से कितनी सही है इस मामले पर जेल प्रशासन भले ही लम्बे चौड़े दावे करता हो लेकिन सुबे के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया खुद स्वीकार करते है कि प्रदेश की जेलों के हालात वाकई खराब हैं| बात भले ही जयपुर सेन्ट्रल जेल की हो या फिर प्रदेश की किसी अन्य जेल की, सभी जगह जेले सुरक्षा और सुविधाओं से तो महरुम है ही साथ ही बदिंयों से भी ओवरलोड हो चुकी है|
राजस्थान की जेले बंदियों के लिहाज से कितनी सही है इस मामले पर जेल प्रशासन भले ही लम्बे चौड़े दावे करता हो लेकिन सुबे के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया खुद स्वीकार करते है कि प्रदेश की जेलों के हालात वाकई खराब हैं| बात भले ही जयपुर सेन्ट्रल जेल की हो या फिर प्रदेश की किसी अन्य जेल की, सभी जगह जेले सुरक्षा और सुविधाओं से तो महरुम है ही साथ ही बदिंयों से भी ओवरलोड हो चुकी है|
ऐसे में अब गृह विभाग पुरानी बातों से सबक लेकर जेलों पर विशेष ध्यान देने की तैयारी में है|जो जेले बंदियों के सुधार की दिशा में अहम रोल अदा कर सकती है वे जेले खुद बीमार पड़ चुकी हैं| कभी गैंगवार तो कभी जेलों में अवैध सामान की बरामदगी, ये सब जेलों में आम बात हो चुकी है|
जेलों कब कब क्या क्या हुआ:
5 अक्टूबर- टोंक जेल मे मुलाकात के दौरान सामान मे 600 रुपये की नगदी मिली
13 अक्टूबर- बंदी के पास से मोबाईल बरामद
19 अक्टूबर - जयपुर जेल मे मोबाईल और चार्जर पकडा
22 अक्टूबर- मुलाकात के दौरान चरस भेजने का प्रयास
24 अक्टूबर- नीम का थाना जेल मे शराब की बोतल फैंकी गई..
28 अक्टूबर- नागोर जेल मे तलाशी के दौरान सिम ,चार्जर और मोबाईल बरामद
1 नवम्बर- अजमेर जेल मे बंदी से मिलने आऐ युवक से 190 ग्राम चरस पकडी
20 नवम्बर-जोधपुर जेल मे बंदी से मैमोरी कार्ड,ईयरफोन, पेन ड्राईव और चाकू बरामद
ये वो मामले है जो जेलों की सुरक्षा पर सवाल खडा करते हैं| प्रदेश की जेलों की सुरक्षा इस कदर हो चुकी है कि शातिर अपराधी जेलों में बंद होकर भी बाहर वारदात को अंजाम देने से नहीं चूकते| बीकानेर गैंगवार का मामला किसी से छुपा नहीं है| जेलों में हथियार पहुंचने से लेकर तमाम सवाल आज भी जांच के दायरे में ही हैं| ऐसे में जेलों के हालात आखिर कैसे ठीक कहे जा सकते हैं| सुरक्षा के अलावा जेलों के कई मुद्दो पर भी गृहमंत्री सवाल खड़े कर चुके हैं|
सरकार का एक साल पूरा होने पर खुद गृहमंत्री ने जेल का दौरा किया और हालाता का जायजा लेते हुऐ पिछले 5 साल से चली आ रही जेलों की व्यवस्था पर सवाल भी खड़ा कर दिया| खुद गृहमंत्री मानते है कि प्रदेश के जेले इस लायक नहीं बची है कि अब उनमे कुछ ओर बंदियों को शिफ्ट किया जा सके| जेले ओवरलोड हो चुकी हैं| कभी सुरक्षा कारणो से तो कभी कुछ ओर वजह से अक्सर बंदियों को एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाता है लेकिन अब वो हालात भी खत्म हो चुके हैं| सभी जेले बंदियों की संख्या के चलते ओवरलोड हैं| कई बार तो ऐसे मौके भी देखने को मिले की जगह और सुविधाओं की कमी के कारण जेलों में अक्सर बंदियों के बीच झगड़ा तक हो गया|
जेलों को लेकर अब सरकार का गृह विभाग पूरी तैयारी कर चुका है| जेलों के मामले अक्सर सामने आने के बाद अब विभाग ने जेलों के लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की है| तमाम मामलो को देखते हुए गृह विभाग ने सुरक्षा को लेकर विशेष आदेश जारी किए हैं| इसके तहत सुरक्षा चाक चौबंद करने के लिऐ प्रदेश की जेलों के लिऐ आधुनिक क्वालिटी के 4 जी जैमर और CCTV कैमरों को लिए करीब 20 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं|
गृह विभाग की सख्ती के बाद जेल के बड़े अधिकारियों ने पहल करते हुऐ जेल के छोटे से लेकर बड़े जेल अधिकारियों की जेल में प्रवेश करने से पहले चैंकिग की व्यवस्था भी शुरु की है ताकि किसी भी प्रकार की मिलीभगत नहीं हो सके| वहीँ दूसरी ओर ओवरलोड जेलों की समस्या को खत्म करने के लिऐ जेलों में बंद कैदियों को अब प्रदेश की नई जेलों में शिफ्ट किया जाएगा| सामने आया है कि प्रदेश मे 6 नई जेले बन चुकी हैं और इसके अलावा 12 नई ओर जेलों की तैयारी गृहविभाग कर चुका है ताकि इस समस्या से निजात पाई जा सके|
13 अक्टूबर- बंदी के पास से मोबाईल बरामद
19 अक्टूबर - जयपुर जेल मे मोबाईल और चार्जर पकडा
22 अक्टूबर- मुलाकात के दौरान चरस भेजने का प्रयास
24 अक्टूबर- नीम का थाना जेल मे शराब की बोतल फैंकी गई..
28 अक्टूबर- नागोर जेल मे तलाशी के दौरान सिम ,चार्जर और मोबाईल बरामद
1 नवम्बर- अजमेर जेल मे बंदी से मिलने आऐ युवक से 190 ग्राम चरस पकडी
20 नवम्बर-जोधपुर जेल मे बंदी से मैमोरी कार्ड,ईयरफोन, पेन ड्राईव और चाकू बरामद
ये वो मामले है जो जेलों की सुरक्षा पर सवाल खडा करते हैं| प्रदेश की जेलों की सुरक्षा इस कदर हो चुकी है कि शातिर अपराधी जेलों में बंद होकर भी बाहर वारदात को अंजाम देने से नहीं चूकते| बीकानेर गैंगवार का मामला किसी से छुपा नहीं है| जेलों में हथियार पहुंचने से लेकर तमाम सवाल आज भी जांच के दायरे में ही हैं| ऐसे में जेलों के हालात आखिर कैसे ठीक कहे जा सकते हैं| सुरक्षा के अलावा जेलों के कई मुद्दो पर भी गृहमंत्री सवाल खड़े कर चुके हैं|
सरकार का एक साल पूरा होने पर खुद गृहमंत्री ने जेल का दौरा किया और हालाता का जायजा लेते हुऐ पिछले 5 साल से चली आ रही जेलों की व्यवस्था पर सवाल भी खड़ा कर दिया| खुद गृहमंत्री मानते है कि प्रदेश के जेले इस लायक नहीं बची है कि अब उनमे कुछ ओर बंदियों को शिफ्ट किया जा सके| जेले ओवरलोड हो चुकी हैं| कभी सुरक्षा कारणो से तो कभी कुछ ओर वजह से अक्सर बंदियों को एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाता है लेकिन अब वो हालात भी खत्म हो चुके हैं| सभी जेले बंदियों की संख्या के चलते ओवरलोड हैं| कई बार तो ऐसे मौके भी देखने को मिले की जगह और सुविधाओं की कमी के कारण जेलों में अक्सर बंदियों के बीच झगड़ा तक हो गया|
जेलों को लेकर अब सरकार का गृह विभाग पूरी तैयारी कर चुका है| जेलों के मामले अक्सर सामने आने के बाद अब विभाग ने जेलों के लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की है| तमाम मामलो को देखते हुए गृह विभाग ने सुरक्षा को लेकर विशेष आदेश जारी किए हैं| इसके तहत सुरक्षा चाक चौबंद करने के लिऐ प्रदेश की जेलों के लिऐ आधुनिक क्वालिटी के 4 जी जैमर और CCTV कैमरों को लिए करीब 20 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं|
गृह विभाग की सख्ती के बाद जेल के बड़े अधिकारियों ने पहल करते हुऐ जेल के छोटे से लेकर बड़े जेल अधिकारियों की जेल में प्रवेश करने से पहले चैंकिग की व्यवस्था भी शुरु की है ताकि किसी भी प्रकार की मिलीभगत नहीं हो सके| वहीँ दूसरी ओर ओवरलोड जेलों की समस्या को खत्म करने के लिऐ जेलों में बंद कैदियों को अब प्रदेश की नई जेलों में शिफ्ट किया जाएगा| सामने आया है कि प्रदेश मे 6 नई जेले बन चुकी हैं और इसके अलावा 12 नई ओर जेलों की तैयारी गृहविभाग कर चुका है ताकि इस समस्या से निजात पाई जा सके|
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