जैसलमेर में सिंधी मुस्लिम समाज में सामने आया मामला रुढ़ीवादिता
जैसलमेरखापपंचायतों के फरमान जिले के एक परिवार पर भारी पड़ रहे है। स्थिति ये हो गई है कि इस परिवार का छोटे से लेकर बड़े तक का सदस्य किसी से मिल नहीं सकता। आज के आधुनिक सभ्य भारतीय समाज में इस प्रकार के फरमान जारी होना रुढ़ीवादिता की तरफ इशारे कर रहा है।
पीड़ित परिवार ने कलेक्टर से मिलकर अपनी परेशानी बताई तथा इसका निराकरण करने के लिए ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन में दीने खां, आलम खां, बराईदीन, अलाबक्स, खुदाबक्स, हमीर खां ने बताया कि खाप पंचायत के फरमान के चलते उनका परिवार दर बदर की ठोकरें खा रहा है। वहीं सामाजिक स्तर पर प्रताड़ित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सिंधी मुसलमानों के धर्मगुरु खाप पंचायत के मुखिया बने गाजी फकीर उसके समर्थकों द्वारा हमारे परिवार का बहिष्कार किया गया है तथा प्रताड़ित किया जा रहा है। गौरतलब है कि ये परिवार जिले की राजनीति में भी अपना असर रखता है। वर्तमान जिला प्रमुख अब्दुला फकीर पोकरण पूर्व विधायक साले मोहम्मद इसी परिवार के सदस्य है।
बांधना पड़ता है रुमाल
ज्ञापनके अनुसार इस परिवार के सदस्यों को अपने दायें हाथ पर रुमाल बांध कर रखना पड़ता है। जो समाज से बहिष्कृत होने का निशान है। ताकि समाज के अन्य लोगों को पता लगे है कि हमारे हाथ बंद है। कोई इस परिवार से संपर्क रखें। कई बार तो अनजाने में मिलने वाले लोग जब आर्थिक दंड भुगतते है तो इस परिवार को आकर परेशान भी करते है। साथ ही आर्थिक दंड भी इस परिवार को भुगतना पड़ रहा है। ज्ञापन में खाप पंचायत से प्रताड़ित इस परिवार की मदद की गुहार मुख्यमंत्री से भी लगाई गई है।
मिलने पर लगता है दंड
ज्ञापनमें बताया कि हमारे परिवार के किसी भी सदस्य से मिलने पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है। 5 साल के बच्चे के साथ खेलने पर 500 तथा बड़े सदस्यों से बातचीत पर 5 हजार रुपए तक का आर्थिक दंड रखा गया है। इसके चलते समाज का कोई भी व्यक्ति इस परिवार से सरोकार रखना नहीं चाहता है। यहां तक कि नजदीकी रिश्तेदारों से भी मिलना दूभर हो गया है। सामाजिक कार्यक्रमों में सार्वजनिक रुप से प्रताड़ित भी किया जाता है।
जैसलमेरखापपंचायतों के फरमान जिले के एक परिवार पर भारी पड़ रहे है। स्थिति ये हो गई है कि इस परिवार का छोटे से लेकर बड़े तक का सदस्य किसी से मिल नहीं सकता। आज के आधुनिक सभ्य भारतीय समाज में इस प्रकार के फरमान जारी होना रुढ़ीवादिता की तरफ इशारे कर रहा है।
पीड़ित परिवार ने कलेक्टर से मिलकर अपनी परेशानी बताई तथा इसका निराकरण करने के लिए ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन में दीने खां, आलम खां, बराईदीन, अलाबक्स, खुदाबक्स, हमीर खां ने बताया कि खाप पंचायत के फरमान के चलते उनका परिवार दर बदर की ठोकरें खा रहा है। वहीं सामाजिक स्तर पर प्रताड़ित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सिंधी मुसलमानों के धर्मगुरु खाप पंचायत के मुखिया बने गाजी फकीर उसके समर्थकों द्वारा हमारे परिवार का बहिष्कार किया गया है तथा प्रताड़ित किया जा रहा है। गौरतलब है कि ये परिवार जिले की राजनीति में भी अपना असर रखता है। वर्तमान जिला प्रमुख अब्दुला फकीर पोकरण पूर्व विधायक साले मोहम्मद इसी परिवार के सदस्य है।
बांधना पड़ता है रुमाल
ज्ञापनके अनुसार इस परिवार के सदस्यों को अपने दायें हाथ पर रुमाल बांध कर रखना पड़ता है। जो समाज से बहिष्कृत होने का निशान है। ताकि समाज के अन्य लोगों को पता लगे है कि हमारे हाथ बंद है। कोई इस परिवार से संपर्क रखें। कई बार तो अनजाने में मिलने वाले लोग जब आर्थिक दंड भुगतते है तो इस परिवार को आकर परेशान भी करते है। साथ ही आर्थिक दंड भी इस परिवार को भुगतना पड़ रहा है। ज्ञापन में खाप पंचायत से प्रताड़ित इस परिवार की मदद की गुहार मुख्यमंत्री से भी लगाई गई है।
मिलने पर लगता है दंड
ज्ञापनमें बताया कि हमारे परिवार के किसी भी सदस्य से मिलने पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है। 5 साल के बच्चे के साथ खेलने पर 500 तथा बड़े सदस्यों से बातचीत पर 5 हजार रुपए तक का आर्थिक दंड रखा गया है। इसके चलते समाज का कोई भी व्यक्ति इस परिवार से सरोकार रखना नहीं चाहता है। यहां तक कि नजदीकी रिश्तेदारों से भी मिलना दूभर हो गया है। सामाजिक कार्यक्रमों में सार्वजनिक रुप से प्रताड़ित भी किया जाता है।
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